-घरों से बाहर नहीं निकले लोग, बदहवाश भी महिलाएं और बच्चे

-आखिर समाज से क्यों इतना अलग-थलग था विनीत का परिवार

Meerut: हुआ बेहद दुखद, किंतु एक बात यह भी जान लीजिए कि विनीत या उनकी फैमिली किसी से बातचीत करते होते तो शायद यह हादसा बिल्कुल न होता। रघुकुल विहार की गली नंबर 1 में शनिवार मातमी सन्नाटा पसरा था। हवा के झोंके सन्नाटा चीर रहे थे तो भीड़भाड़ देखकर कुछ महिलाएं घरों से बाहर निकली। कुछ दरवाजे से झांक रहे बच्चों को घर के अंदर धकेल रही थीं। हादसे के बाद शुक्रवार रात्रि कॉलोनीवाले रातभर नहीं सोए। दहशतजदा चेहरों पर खौफ तारी हो रहा था। सबको हादसे में संशय नजर आ रहा था।

क्या कुछ करें अब?

पांच मौतों के बाद रघुकुल विहार में शुक्रवार देर शाम तक गहमागहमी के बाद शनिवार सन्नाटा पसर गया। पॉश कॉलोनी में लोग घरों में कैद हो गए तो किसी की हिम्मत श्रीमोहन अरोड़ा के घर की ओर देखने की नहीं हो रही थी। अकाल पांच मौतों का खौफ सभी के दिमाग पर तारी था तो कुछ ने सुझाव दिया कि कॉलोनी में शुद्धिकरण किया जाए। सब डरे-सहमे थे। चहलकदमी थमी थी। लोगों का कहना था कि दिन तो कट जाएगा, रात का सन्नाटा डराता है।

हिम्मत के बाद निकलीं

कॉलोनी के ज्यादातर बच्चे शनिवार को भी स्कूल नहीं गए। अपराह्न चहलकदमी बढ़ी तो कुछ महिलाएं घरों से बाहर निकली। हादसे के स्वीकारने से इनकार कर रही महिलाओं के चेहरों पर खौफ दिखा तो बच्चे बदहवाश से घरों में कैद थे। सफाईकर्मी रोजाना की अपेक्षा शांत था तो काम करने वाली महिला छिपी-छिपी घूम रही थी। समीप ही बंद पड़ी दुकानों के आसपास भी सन्नाटा पसरा था।

चले आए कुछ

हादसे की जानकारी के बाद आसपास के लोग कौतूहलवश उधर से गुजर रहे थे तो वहीं लिसाड़ी गेट, ऊंचा सिद्दीकनगर के मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भी खैर-खबर लेने पहुंच गए। हालांकि घर पर ताला था, पड़ोसियों से हालचाल पूछकर वे चले गए।

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Posted By: Inextlive