मतदान के बाद भी हार-जीत को लेकर दावे जारी, कम वोटिंग परसेंटेज ने बिगाड़ा सभी का गणित अब प्रत्याशी ये पता करने में लगे किस एरिया में कितना मतदान, चाय की दुकानों पर हार-जीत के दावे allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: कौन कितने पानी में है? किसके नाम की चर्चा है? कौन जितेगा और कौन हारेगा? एक दिसंबर को नहीं बल्कि 26 नवंबर को यानी मतदान के दिन ही क्लीयर हो जाएगा। मेयर और पार्षद प्रत्याशियों के साथ ही समर्थकों द्वारा कुछ ऐसा ही दावा किया जा रहा था। लेकिन वोटिंग परसेंटेज ने सारे दावों पर पानी फेर दिया। इसकी वजह से पिक्चर साफ नहीं हो पा रही है कि विजयी कौन होगा। सबसे कम वोटिंग की वजह से जीत और हार की चर्चा सोमवार को पूरे शहर में रही। चाय-पान की दुकान से लेकर सरकारी कार्यालयों तक जगह-जगह मेयर और पार्षद प्रत्याशियों के जीत-हार को लेकर समीकरण बनते-बिगड़ते रहे। स्पॉट-1 लोकनाथ चौराहा पुराने शहर में अड़ी और चाय के साथ गरमागरम बहस के मेन अड्डा लोकनाथ चौराहा पर सोमवार की सुबह चुनाव को लेकर ही चर्चा होती रही। क्योंकि इतने कम वोटिंग परसेंटेज की किसी को उम्मीद नहीं थी। चाय की चुस्की लेते हुए लोकनाथ चौराहे के सर्राफा व्यापारी दिनेश सिंह ने मित्र विनय से कहा- का मे, ई का कई दिहो वोट डालै नै गयो ना। विनय: कौन कहिस की हम नै ग रहे। गए रहे, लेकिन का करी। वोटर लिस्ट से नामै गायब रहा। दिनेश: सही कह रहे हो बाबा तुम्हार ही नहीं बल्कि बहुत से लोगन का नाम गायब है। हम खुद वोट नहीं डाल पावा। काहे कि हमार और पूरे परिवार का नाम नहीं रहा। वार्ड 77 में करीब 20 से 30 परसेंट वोटर तो लिस्ट से नाम गायब रहे से वोट डाल नहीं पाएन। शंभूनाथ ने कहा: जब वोट इतना कम पड़ा है, तो फिर जीत हार का अंतर भी बहुत कम होई। विनय: आउर का, जीतै वाला हार जाई और हारै वाला जीत जाई। दिनेश: वोट कम होवै से मेयर की सीट पर भी जबर्दस्त टक्कर है। शंभूनाथ: टक्कर के बगैर जीत कहां होई। लेकिन ई तो निश्चित है कि ई बार जीत क अंतर काफी कम होई। स्पॉट-2 मुट्ठीगंज बड़ा चौराहा- लोकनाथ चौराहे की तरह ही पुराने शहर के मुट्ठीगंज चौराहे के पास बीरू के चाय की दुकान पर भी चुनाव के बाद जीत-हार को लेकर जबर्दस्त चर्चा रही। ज्यादातर लोगों ने 2012 की तरह 2017 में भी चौंकाने वाला रिजल्ट आने का दावा किया। वहीं कुछ लोगों ने इस बार सीन कुछ अलग होने का दावा किया। वहीं पार्षदी को लेकर कोई भी व्यक्ति पिक्चर क्लीयर नहीं कर पा रहा था। स्पॉट-3- नगर निगम शहर का अगला मेयर कौन होगा? शहर के किस वार्ड से कौन पार्षद बन कर नगर निगम पहुंचेगा? इसकी चर्चा नगर निगम में भी रही। नगर निगम पहुंचे पुराने शहर के एक वार्ड से पार्षद पद के प्रत्याशी ने अपने मन की पीड़ा नगर निगम कर्मचारियों से व्यक्त की। कर्मचारी: और भावी पार्षद जी, मिठाई पक्का है ना। प्रत्याशी: का पक्का है, कुछ समझै में नहीं आई रहा है, का होई गवा। कर्मचारी: मतलब, का भवा। प्रत्याशी: जब वोटै नहीं पड़ पाएस तो का कहा जाए। हमरे आंख के सामने से करीब 700 से 800 वोटर वोट डालै बगैर चला गएन। क्योंकि वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था। बहुत दुख हुआ। आंख के सामने वोट खिसक गवा। नाहीं तो असमंजस की स्थिति न होती, बल्कि जीत क्लीयर होती।

Posted By: Inextlive