कोरोना वायरस की वजह से लगे लाॅकडाउन में डीएफएचएल प्रमोटर वधावन फैमिली के 23 लोग फॉर्म हाउस घूमने गए थे। इन सभी को क्वाॅरंटीन कर दिया है। वहीं इस मामले में महराष्ट्र के पूर्व सीएम द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उद्धव सरकार हरकत में आई। मामले की जांच शुरू होने के साथ ही वधावन फैमिली को परमिट देने वाले प्रधान सचिव विशेष को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया।

मुंबई (महाराष्ट्र) (एएनआई)। कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएफएचएल) के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन के फैमिली ट्रिप पर जाने से हडकंप मच गया। लाॅकडाउन के बीच वधावन परिवार के 23 लोगों ने इमरजेंसी बताकर खंडवा से महाबलेश्वर में बने फार्महाउस की विजिट की। इन सबको महाबलेश्वर में स्थानीय पुलिस द्वारा क्वाॅरंटीन सेंटर में रखा गया है। वहीं इस मामले में भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकार में डीएचएफएल समूह के वधावन परिवार के सदस्यों द्वारा लाॅकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर चुटकी है। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में आई और जांच शुरू की।

चीफ मिनिस्टर और होम मिनिस्टर, इस मामले में स्पष्टीकरण दें

पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने इस पर ट्वीट किया, महाराष्ट्र में शक्तिशाली और अमीर लोगों के लिए कोई लाॅकडाउन नही किया जा सकता है। पुलिस की आधिकारिक अनुमति से महाबलेश्वर में छुट्टियां बिताई जा सकती हैं। यह संभव नहीं है कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी इस तरह की घोर गलती करे। एक अन्य ट्वीट में इस घटना पर स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि यह किसके आदेश और वरदहस्त के साथ यह किया गया? चीफ मिनिस्टर और होम मिनिस्टर, इस मामले में स्पष्टीकरण दें।

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को भेजा अनिवार्य अवकाश पर

वहीं इस मामले में गृह मंत्रालय में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी महाराष्ट्र के विशेष प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता, जिन्होंने लॉकडाउन के बीच, खंडाला से महाबलेश्वर तक डीएचएफएल समूह के वधावन परिवार को कथित रूप से यात्रा की अनुमति दी है। इस संबंध में महाराष्ट्र राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख का कहना है कि जांच को तत्काल प्रभाव से पूरा करने के साथ अमिताभ गुप्ता को शुक्रवार से अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है। मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।

Posted By: Shweta Mishra