एक तरफ़ जहां इन दिनों संयुक्त अरब अमीरात में आईपीएल-7 के मुक़ाबले जारी हैं वहीं सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल से जुड़े विवादों की सुनवाई भी चल रही है.


मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में आईपीएल में स्पॉट फ़िक्सिंग और सट्टेबाज़ी से जुड़े मामले की सुनवाई होगी.वैसे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट के 16 अप्रैल के निर्देश के बाद बीते रविवार को वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई और उसमें अहम निर्णय लेते हुए मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का फ़ैसला किया.इस कमेटी में भारत के पूर्व कप्तान और कमेंटेटर रवि शास्त्री, कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस जे एन पटेल और सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आरके राघवन को शामिल किया गया है.हांलाकि बीसीसीआई ने आधिकारिक तौर पर इस कमेटी का ऐलान नहीं किया है. बोर्ड का कहना है कि वह अपना प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगा. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन नामों पर मुहर लगने के बाद ही यह कमेटी जांच का काम शुरू कर सकेगी.पुलिस जाँच


मैगज़ीन कहते हैं, "इसके अलावा ऐसा नहीं लगता कि बोर्ड के ख़िलाफ़ लड़ाई लड रहे क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बिहार के आदित्य वर्मा भी इस समिति को मानेंगे."

इसी मसले को लेकर आदित्य वर्मा का कहना है कि अदालत में सुनवाई चल रही है जहां उनकी स्पष्ट मांग रहेगी कि इस मामले की जांच के लिए जो भी कमीशन बनेगा उसके पास जांच के सीमित अधिकार रहेंगे.आदित्य वर्मा कहते हैं, "उनके पास एफ़आईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है तो जो काम पुलिस या सीबीआई कर सकती है वह यह पैनल नहीं कर सकता, इसलिये सीलबंद लिफाफा पुलिस या सीबीआई को जांच के लिए दिया जाए."उन्होंने कहा, "हम तो मुद्गल कमेटी का नाम ही सामने लाएंगे जिसने ईमानदारी से अपनी रिपोर्ट दी जो इसलिए बीसीसीआई को पसंद नहीं है. रही बात बीसीसीआई की इस प्रस्तावित कमेटी की तो हम याचिकाकर्ता होने के नाते इसे सिरे से ख़ारिज करते है. अब देखिए क्या होता है?"

Posted By: Subhesh Sharma