डीजल कार खरीदने की योजना बना रहे ग्राहकों को आने वाले दिनों में डीजल की बढ़ती कीमत के अलावा भी एक झटका लगने वाला है. यह चपत डीजल कारों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के तौर पर लग सकती है. दरअसल पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली चाहते हैं कि आगामी बजट में डीजल कारों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया जाए ताकि देश में इनके प्रचलन को हतोत्साहित किया जा सके.


पेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को भेजी रिपोर्टपेट्रोलियम मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को अपने बजट अनुमानों से संबंधित सूची भेज दी है. इसमें डीजल पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की जबरदस्त वकालत की गई है. तेल मंत्रालय ने अपनी इस सिफारिश के पीछे दो वजहें बताई हैं. पहली, भारतीय कार उद्योग का जिस तरह से 'डीजलीकरण' हो रहा है, उसे हर कीमत पर रोका जाना चाहिए. इससे न सिर्फ अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ेगा, बल्कि ये कारें आगे चलकर पर्यावरण के लिए भी बेहद नुकसानदेह साबित हो सकती हैं. दूसरी, अतिरिक्त शुल्क से जो राजस्व मिलेगा, उसके एक हिस्से से डीजल बिक्री पर तेल कंपनियों के बढ़ते घाटे की भरपाई की जा सकेगी.कीमत तय करने का अधिकार कंपनियों को आंशिक तौर पर


पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार ने डीजल की कीमत तय करने का अधिकार अभी सिर्फ आंशिक तौर पर ही तेल कंपनियों को दिया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि तेल कंपनियों कितने महीने तक लगभग 50 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि कर पाती हैं. इस वृद्धि के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान तेल कंपनियों को डीजल को लागत से भी कम कीमत पर बेचने की वजह से 90 हजार करोड़ रुपये का संभावित घाटा होने की बात कही जा रही है. इसका आधा से ज्यादा हिस्सा सरकार के खजाने से भरना होगा.कीमत बढ़ने के बावजूद देनी पड़ सकती है सब्सिडीअगले वित्त वर्ष में डीजल की कीमत बढऩे के बावजूद सरकार को एक बड़ी राशि बतौर सब्सिडी देनी पड़ सकती है. ऐसे में डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाकर वित्त मंत्रालय व तेल कंपनियों पर बोझ काफी कम किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो देश में न सिर्फ डीजल कारों की कीमत बढ़ेगी, बल्कि इनकी बिक्री पर भी असर पडऩा तय है. वित्त मंत्रालय ने पहले ही वित्त सचिव की अध्यक्षता में इस बारे में विचार के लिए एक समिति बना रखी है. समिति ने शुरुआती दौर में कार बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की थी. इससे पहले पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत तय करने पर गठित किरीट पारिख समिति ने डीजल कारों पर 80 हजार रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था.डीजल कारें महंगी हुईं तो...1. पेट्रोल कारों की बिक्री फिर पकड़ेगी रफ्तार2. डीजल बिक्री घटने से तेल कंपनियों को मिलेगी राहत, कम होगा घाटा3. सरकार के लिए कम होगा सब्सिडी बोझ4. डीजल कार प्लांट लगा रही मारुति, हुंडई, होंडा को लगेगा झटका

5. पर्यावरण को नुकसान में होगी कमी

Posted By: Satyendra Kumar Singh