अन्ना हजारे ने सरकारी लोकपाल बिल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़े तो हल्ला गुल्ला में भी इसको पास करो. उन्होंने इस बिल को देश की भलाई का बिल बताया है.


उन्होंने कहा, "सरकार को मैंने बताया कि आपने जो बिल राज्य सभा में रखा है, मैं इसका आभारी हूं. इसी बिल को पास किया जाना जरूरी है.उन्होंने आम आदमी पार्टी के इस बयान को गलत बताया कि अन्ना को बिल की पूरी जानकारी नहीं है.आम आदमी पार्टी ने लोकपाल बिल का विरोध किया है और इसे जोकपाल बिल बताया है.सरकार ने शुक्रवार को लोकपाल विधेयक राज्यसभा में पेश किया. सत्ताधारी गठबंधन यूपीए का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी इसका समर्थन कर रही हैं.बिल पर मतभेदआप के संयोजक अरविंद अरविंद केजरीवाल ने कहा, "मुख्य बात ये है कि क्या ये सीबीआई को स्वतंत्र कर रहे हैं. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो बाकी सारी चीजें गौण हो जाती हैं."उन्होंने कहा, "अगर सीबीआई स्वतंत्र हो तो हमारे प्रधानमंत्री भी 2जी या कोयला घोटाले में जेल जा सकते हैं."


"ये जो बिल कांग्रेस ला रही है. इसे सब पार्टियां मान रही हैं, क्योंकि वो जानते हैं ये लोकपाल उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा."-शांतिभूषण, वरिष्ठ अधिवक्तालेकिन अन्ना हज़ारे ने कहा कि इस बिल में सीबीआई पर सरकार का नियंत्रण ख़त्म करने की बात कही गई है.

अन्ना हजारे ने कहा कि जब दिल्ली के रामलीला मैदान में उनका अनशन हो रहा था तो उन्होंने अनशन खत्म करने के लिए सरकार के आगे मुख्य रूप से तीन मांगें रखी थीं जिनमें सिटीज़न चार्टर, वन, टू और थ्री ग्रेड के अफसरों को लोकपाल के दायरे में लाना और तीसरा राज्यों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए लोकायुक्त बनाना शामिल था.अन्ना हजारे ने कहा कि इन तीनों मांगों में से सराकरी बिल में दो बातों को शामिल कर दिया गया है जबकि सिटीजन चार्टर पर अलग से कानून बनाने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव रखा हुआ है.दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेता और मशहूर वकील शांति भूषण ने कहा, "ये जो बिल कांग्रेस ला रही है. इसे सब पार्टियां मान रही हैं, क्योंकि वो जानते हैं ये लोकपाल उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा."उन्होंने कहा, "इससे भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं का कुछ नहीं बिगड़ेगा. ये भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए बिल है, उनके खिलाफ मुकदमे चलाने के नहीं है."सीबीआई की स्वतंत्रता को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब पू्र्व पुलिस अधिकारी किरन बेदी ने दिया. उन्होंने कहा, "लोकपाल जिन मामलों को सीबीआई को सौंपेगा, जांच एजेंसी उसके लिए सिर्फ़ लोकपाल के प्रति ही जवाबदेह होगी. ऐसे मामलों में सरकार का कोई दखल नहीं होगा."

किरन बेदी ने यह भी कहा, "जो यह दावा कर रहे हैं कि यह बिल कमज़ोर है उन लोगों ने बिल पढ़ा नहीं है, उन्हें बिल पढ़ना चाहिए. यह बिल देशहित में है."

Posted By: Subhesh Sharma