Diwali special : इस दिवाली बच्चों को ये पांच चीजें जरूर बताएं
1 . किसी को भी त्योहार का असली मतलब नहीं भूलना चाहिए। कहते हैं कि भगवान राम जब रावण को मारकर अपने घर वापस आए थे, तब रावण के रूप में बुराई पर राम रूपी अच्छाई की जीत के लिए लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया। कुल मिलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में त्योहार मनाया जाता है। अब हमें बच्चों को ये सिखाना है कि बुराई की उम्र बहुत कम होती है और अच्छाई की बहुत ज्यादा।
2 . खुशियों में हर तरह से शामिल होना अच्छी बात है, लेकिन कुछ पलों की खुशी के लिए हम अपने वातावरण को दूषित नहीं कर सकते। ऐसे में हानिकारक धातु के दीये जलाने के बजाय हम मिट्टी के दीये जलाकर भी प्रकाश कर सकते हैं।
3 . दीपावली त्योहार है आपस में खुशियों को बांटने का। ऐसे में हम अपने आस पड़ोस में और रिश्तेदारों में मिठाइयां बाटते हैं, उनको त्योहार पर शुभ कामनाएं देते हैं। इसके बीच में हमें अपने बच्चों को ये भी सिखाना होगा कि हम इस तरह की खुशियां और मिठाइयां उन बच्चों में भी बांटें जो जरूरतमंद हैं और अपनी सीमित जरूरतों के बीच त्योहार को एंज्वाय नहीं कर सकते।
4 . जैसे भगवान श्री राम के 14 वर्ष के कठिन वनवास को काटने के बाद अध्योध्या वासियों ने उनका दीपों और आतिशबाजियों के साथ भव्य स्वागत किया था और उनको मालूम था कि अब भगवान राम के रूप में उनके राज्य में खुशियां ही खुशियां आने वाली हैं। वैसे ही हमें भी इस त्योहार पर अपने बच्चों को ये सीख देनी चाहिए कि हर दुख के बाद खुशियों की दिवाली जरूर आती है।
5 . अपने घर में दीपों को जालते समय हमें अपने बच्चों को ये जरूर सिखाना चाहिए कि अपने घर के साथ अपने आसपड़ोस में भी खुशियों और रोशनी का माहौल होना चाहिए। ऐसे में अगर आपके सामने वाले घर में अंधेरा है तो आपको वहां भी दीप जरूर जलाना चाहिए।