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प्रतिदिन करते थे आधा दर्जन से अधिक सर्जरी, डॉ। अशोक अग्रवाल के साथ सीखी थी विधि

जीवन ज्योति हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में एडमिट मंगल प्रसाद का हुआ था आखिरी ऑपरेशन

आधा दर्जन से अधिक मरीजों को है सर्जरी का इंतजार, बेटे ने सीखी है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: शहर को सर्जरी की आधुनिकतम विधि लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन विधि)) की सौगात देने वाले डॉ एके बंसल ही थे। इस विधि के आने से न केवल मरीजों को जल्दी आराम मिलने लगा बल्कि ओपेन सर्जरी की अपेक्षा पैसे भी कम खर्च होते थे। यही कारण रहा कि देखते ही देखते डॉ। बंसल इलाहाबाद ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों के मरीजों की पहली पसंद हो गए और उनका हॉस्पिटल दिन दूनी-रात चौगुनी तरक्की करने लगा। उनके साथ वर्ष 1993 में लेप्रोस्कोपिक विधि की ट्रेनिंग लेने वाले प्रख्यात सर्जन व आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ। अशोक अग्रवाल खुद इस बात को स्वीकार करते हैं। वे कहते हैं कि अभी भी शहर में इस विधि से ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर्स की संख्या गिनी-चुनी है।

अब कहां जाएंगे गंभीर मरीज

वर्ष 1993 में डॉ। बंसल ने पुणे और डॉ। अग्रवाल ने हैदराबाद से लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की एबीसीडी सीखी और इलाहाबाद में इसकी नींव डाली। डॉ। अग्रवाल कहते हैं कि डॉ। बंसल ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में जो मील का पत्थर स्थापित किया उसे पाना अन्यों के लिए मुश्किल साबित होगा। वह एक दिन में आधा दर्जन से अधिक जटिल ऑपरेशन को अंजाम देते थे। गन शॉट जैसे जटिल मामलों के इलाज में उन्होंने एक बैरियर स्थापित किया था। वह किसी मरीज को वापस नहीं करते थे। उनके जाने के बाद मरीजों को उनकी कमी खलेगी।

मंगल को दे गए नया जीवन

डॉ। एके बंसल ने मरने से कुछ घंटे पहले अकोढ़ा करछना के मंगल प्रसाद का ऑपरेशन किया था। यह उनके जीवन की अंतिम सर्जरी थी। आंतों की बीमारी से परेशान मंगल को तो ऑपरेशन के बाद नया जीवन मिल गया, लेकिन हत्यारों की गोलियों का शिकार हुए डॉ। बंसल दुनिया से विदा हो गए। अब भी आधा दर्जन से अधिक ऐसे मरीज जीवन ज्योति हॉस्पिटल में भर्ती हैं, जिनका ऑपरेशन खुद डॉ। बंसल को करना था।

पहली पसंद है दूरबीन विधि

डॉ। बंसल के जाने के बाद शहर में डॉ। अग्रवाल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ। प्रबल नियोगी, डॉ। शबी अहमद और नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के डॉ। राजीव सिंह को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का महारथी माना जाता है। सर्जरी के नए डॉक्टर्स भी इस विधि को प्राथमिकता देते हैं। बता दें कि डॉ। बंसल के बेटे अर्पित भी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करते हैं और आने वाले समय में वह जीवन ज्योति हॉस्पिटल की बागडोर संभाल सकते हैं। डॉ। अशोक अग्रवाल कहते हैं कि चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ। बंसल के योगदान को भुला पाना आसान नहीं होगा।

Posted By: Inextlive