Meerut : तकरीबन 20 साल पहले रोडवेज बस स्टैैंड के सामने दो मंजिला होटल ढह गया था. जिसमें करीब 4 से 5 लोगों की मौत हो गई थी. अब उसी जगह पर चार मंजिला बिल्डिंग है. कैंट में ऐसी 150 बहुमंजिला इमारतें हैं जो कैंट की सुरक्षा को सरेआम चुनौती दे रही हैं.


होती है रेकी
कैंट इलाकों में हाईराइज बिल्डिंग बनाने की मनाही है। आर्मी इन्हें सुरक्षा की दृष्टि से काफी खतरनाक मानती है। जबकि कैंट में चार से पांच और उससे भी ऊपर तक की बिल्डिंग्स तैयार हो चुकी है। जब से सब एरिया कमांडर ने क्षेत्र में फिदाइन होने की बात कही है तब से इन बिल्डिंग से और भी खतरा बड़ गया है। आर्मी सूत्रों की माने तो हाई राइज बिल्डिंग से कैंट की काफी आसानी से रेकी की जा सकती है। आर्मी के जिन अति संवेदनशील इलाकों में जाने की मनाही है। वहां के नजारे को आसानी से हाई राइज बिल्डिंग से आसानी से देखा जा सकता है। डिफेंस एक्सपर्ट की माने तो कैंट में 4 मंजिल से ऊपर की इमारते आर्मी और उनके इंफ्रस्ट्रक्चर के लिए बड़ा खतरा है। यहां पर दो इंफैंट्री डिवीजन के अलावा आरवीसी सेंटर सब एरिया हेडक्वार्टर है, जिन्हें हाई रिज्युलेशन कैमरा से आसानी देखा जा सकता है। सूत्रों की माने तो बीते सालों कैंट इलाके से पकड़े गए आतंकी रेकी के लिए इन्हीं का इस्तेमाल करते थे।150 इमारतें


पूरे कैंट की बात की जाए तो विभिन्न इलाकों में 150 तीन मंजिल या उससे अधिक इमारते खड़ी हुई हैं। सबसे अधिक वार्ड 4, 5 और छह हैं। इन तीनों वार्डों को मिलकर 120 इमारतें ऐसी हैं जो कैंट बोर्ड के नियमों के अनुसार अधिक ऊंचाई और मंजिल की हैं। वहीं सबसे कम इमारतें वार्ड नंबर एक, सात और तीन में हैं। यहां दो तीन ही हैं। बाकी इमारतें आठ और दो वार्ड में हैं।कौन बना रहा हैकुछ महीनों पहले उत्तर भारत एरिया कमांडर ने मेरठ में सैन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी, जिसमें उन्होंने भू माफियों से मेरठ कैंट की जमीन को सबसे बड़ा खतरा बताया था। इसके बावजूद इनके नेटवर्क को न तो कैंट बोर्ड तोड़ पाया और न ही आर्मी। कैंट बोर्ड अधिकारियों की माने तो पिछले पांच सालों में भू माफियाओं का नेटवर्क काफी एक्टिव हुआ है। जो हाई राइज बिल्डिंग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। क्या है नियम?कैंट एक्ट के अनुसार किसी भी बिल्डिंग को 32 फीट से ऊपर नहीं बना सकता है। उसमें भी दो ही मंजिल तक बिल्डिंग को खड़ा किया जा सकता है। सुरक्षा की अनदेखी

जब भी कोई हाई राइज बिल्डिंग बन रही होती है तो कैंट एक्ट की धारा 247 और 248 का नोटिस दे दिया जाता है। जबकि ये नोटिस सिर्फ अवैध निर्माण करने वालों को दे दिया जाता है। एडवोकेट जय गोपाल आनंद की माने तो हाई राइज बिल्डिंग के लिए तो इनके पास कोई नियम ही नहीं है। अगर सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो निर्माण करने वाले देश की सुरक्षा का खतरा का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज होना चाहिए। वहीं बिल्डिंग बायलॉज जब तक नहीं बनेंगे तब काई भी इन्हें निर्माण करने से नहीं रोक सकता है। 'इन तमाम बिल्डिंग्स के बारे में मेरे पास सूचना है। ये बात पूरी तरह से सही है कि इनसे सुरक्षा को काफी खतरा है। इनके लिए जल्द ही कैंट बोर्ड ऑफिशियल के साथ बैठकर नियम-कानून बनाए जाएंगे.'- मेजर जनरल वीके यादव, जीओसी, वेस्ट यूपी सब एरिया तो यहां है हाई राइज बिल्डिंग वार्ड नंबर       निर्माण की संख्या    1                   2   2                   8   3                   3   4                   30   5                   60   6                   35   7                    2   8                   10  कुल              150  इनकी खुफिया रिपोर्ट क्यों नहीं
आर्मी के पास पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों को लेकर कैंट के आरए बाजार में दंगा होने की रिपोर्ट आती है। इनके पास कैंट के विभिन्न इलाकों में फिदाइन और बांग्लादेशी होने की इंटेलीजेंस रिपोर्ट आती है। लेकिन आर्मी के लिए खतरा बन रही ये हाई राइज बिल्डिंग्स के बारे में कोई रिपोर्ट क्यों नहीं आती? क्यों  आर्मी खुद इनिशिएटिव लेकर इन एक्शन नहीं लेती? इसके बारे में सब एरिया ऑफिशियल को सोचना होगा।

Posted By: Inextlive