केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख बाघ संरक्षण परियोजनाओं में बाघों की निगरानी के लिए ड्रोन टेक्‍नोलॉजी को यूज करने की योजना बनाई है. इस योजना से दुधवा नेशनल पार्क की किशनगंज रेंज एवं कतर्नियाघाट के बाघों की निगरानी की जाएगी.


ड्रोन से टाइगर की निगरानीदेश के प्रमुख टाइगर रिजर्व पार्कों में बाघों की संख्या की निगरानी करने के लिए केंद्र सरकार ने ड्रोन टेक्नोलॉजी को यूज करने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत उत्तरप्रदेश में स्थित दुधवा नेशनल पार्क (टाइगर रिजर्व) के कतर्नियाघाट एवं किशनपुर रेंज में बाघों की निगरानी की जाएगी. उत्तराखंड के राजाजी एवं जिम कार्बेट को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा. उत्तर प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक डॉक्टर रूपक डे कहते हैं कि इससे पहले भी यूपी में ड्रोन की मदद बाघों की निगरानी शुरु हो चुकी है. अब अगर केन्द्र सरकार से इस बारे में सहयोग मिलता है तो इससे बाघों के संरक्षण में ज्यादा मदद मिलेगी. अवैध शिकार पर नहीं लग रहा नियंत्रण
केंद्र सरकार ने बाघों का शिकार रोकने के सभी उपाय आजमाने के बाद ड्रोन टेक्नोलॉजी को यूज करने का फैसला किया है. ज्ञात हो कि ड्रोन तकनीक की मदद से संरक्षित वनक्षेत्र में शिकारियों एवं तस्करी को रोकने का प्रयास किया जाएगा. इस संबध में केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रमुख जीव संरक्षकों के साथ मिलकर एक हाई लेवल मीटिंग की. इस मीटिंग में द्रोण निगरानी परियोजना को हरी झंडी दी गई.

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Posted By: Prabha Punj Mishra