नोवल कोरोना वायरस से लड़ाई में वैज्ञानिकों को एक अहम सफलता हाथ लगी है। उन्होंने कोविड-19 वायरस की जांच का एक अल्ट्रासेंसिटिव बाॅयोसेंसिंग तरीका खोज निकाला है। इससे कोरोना वायरस की मौजूदगी का बहुत कम समय में पता लगाया जा सकता है।


न्यूयाॅर्क (आईएएनएस)। यह अध्ययन एसीएस नैनो जर्नल में प्रकाशित हुई है। कोरोना वायरस की टेस्टिंग में यह एक अहम सफलता मानी जा रही है। मौजूदा समय में कोविड-19 वायरस की मौजूदगी का पता लगाने वाली जांच को पूरा होने में कुछ घंटों का समय लग रहा है। वायरस के जेनेटिक मैटेरियल का पता लगाने में लगातार कई टेस्ट करने पड़ रहे हैं।ड्राॅपलेट नमूनों के सभी तत्वों की तेजी से जांचअमेरिका के स्टेट यूनिवर्सिटी और वर्जिनिया पाॅलिटेक्निक इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कहा कि उनके तरीके में ड्राॅपलेट नमूने के सभी तत्वों की पहचान हो सकती है। इसके लिए हर तत्व को अलग करके किसी अन्य प्रक्रिया से जांच की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिसमें बहुत ज्यादा समय बर्बाद होता है।तेजी से पहचान में आ जाते हैं ड्राॅपलेट नमूने
शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस तरीके में नमूनों वाले पानी पर एक सतह बना दिया जाता है। इस सतह पर पानी की बूंदें चिपक जाती हैं या तैरने लगती हैं। इस तरीके से नमूने लक्विड में कलेक्ट होने लगते हैं। सतह पर दोनों ओर ऊपर और नीचे पहचान में आने लगते हैं। नमूने वाले ड्राॅपलेट्स कुछ जगहों पर तेजी से घूमने लगते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh