प्रदेश भर के राजकीय विभागों का लेखाजोखा रखने वाले संस्थान यानि एजी ऑफिस के बाहर बडे़-बड़े गणितज्ञों का जमावड़ा लगता है। इनकी चुनावी गुणा गणित क्या है यह जानने के लिए शुक्रवार को हम एजी आफिस के बाहर पाण्डेय लेमन टी स्टाल पर चुनावी चकल्लस का जायका लेने पहुंचे। गणितज्ञ धुरंधर थे इसलिए चर्चा भी धारदार रही।

चुनावी वक्त में नेताओं द्वारा दल बदलने पर चुटकी ले रहे इलाहाबादी

कोई भाजपा पर रहा हमलावर तो किसी ने सपा को लिया आड़े हाथ

ALLAHABAD: पढ़े लिखों की जमात में चाय की चुस्की के बीच सबसे पहले हरिकिशन श्रीवास्तव ने चर्चा को आगाज दिया। कहा कि मोदी का मैजिक केंद्र के बाद इस बार यूपी में भी कमल खिलाने जाय रहा है। केंद्र सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है भैया। खासकर कर्मचारियों के साथ। बात पूरी नहीं हुई थी कि रिशेश्वर उपाध्याय लगभग उबलते हुए बोल पड़े। श्रीवास्तव जी अनाश शनाप बात न करिए। एतनी खराब सरकार हमने पहिले नहीं देखी। पे कमीशन का एरियर रोक के बैठी है, मोदी जी कर्मचारियों का बीस हजार करोड़ हजम कर लेवा चाहत हैं और आप गुणगान गाए जाय रहे हैं। श्रीवास्तव जी की बात से पहले से ही तमतमाये बैठे ओम प्रकाश पाल ने भी रिशेश्वर के सुर में सुर मिला दिया। मोदी की यह होशियारी चुनाव मा बंटाधार कई देयी। ओम प्रकाश की बात को आगे बढ़ाते हुए सुभाष पाण्डेय ने कहा केंद्र सरकार सातवें वेतन आयोग की कमेटी बनाकर कर्मचारियों के देयकों को डिले कर रही है। जो कुछ भी अभी तक मिला है वह कर्मचारियों के संघर्ष का नतीजा है। श्रीवास्तव जी को तीन तरफ से घिरता देखकर डॉ। शैलेष पाण्डेय बीच में आ गए। बोले ई बताइए कि देश बड़ा हैं कि आदमी। आप लोगन का तौ पे कमीशन की ही पड़ी है। देश के बारे में सोचिए। मोदी अच्छा काम कर रहे हैं। पलटवार करते हुए ओम प्रकाश पाल बोले का देश देश कर रहे हैं। विदेशी कंपनियों को देश में घुसाय के कौन देश का कल्याण कर रहे हैं मोदी। इनसे अच्छा तो अखिलेश हैं। कम से कम उनका विकास कार्य दिख तो रहा है। डॉ। शैलेष पाण्डेय ने पाल जी को जवाब देते हुए कहा सपा की बात न करिए। अखिलेश की करनी सबके सामने है। औरंगजेब बनके पिता को घर में कैद कर दिए हैं। अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। कुर्सी का यह लालच देश में पहिले नहीं दिखा। लेकिन आज ही न्यूज में पता चला है कि सपा के लिए वेंटिलेटर का काम कर रही कांग्रेस ने हाथ छुड़ा लिया है। शैलेष पाण्डेय की बातों का लगभग समर्थन करते हुए हरिशंकर तिवारी बोले आप लोग खामखा केंद्र-केंद्र कर रहे हैं। यह चुनाव तो प्रदेश का है। बात करना है तो प्रदेश के नेताओं के बारे में करिए। सपा में जिस तरह से दंगल छिड़ा उसे हर कोई जानता है। जनता इस परिवार वाद की राजनीति से ऊब चुकी है। इसका नतीजा चुनाव में दिखेगा। हरिशंकर तिवारी की बात पर तंज कसते हुए रिशेश्वर उपाध्याय ने कहा कि भइया जितने इमानदार व परिवार वाद के विरोधी नेता थे सब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। बाकी पार्टी के नेता तो खोटे सिक्के हैं। रिशेश्वर की बात को बढ़ाते हुए ओम प्रकाश बोल पड़े भाजपा दूसरों को परिवारवाद से बाज आने का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा दूध की धुली नहीं है। प्रगतिशील विचारधारा रखने वालों को राष्ट्रद्रोही का तमगा पकड़ा दे रही है। इससे बड़ी सेक्युलर पार्टी दूसरी नहीं है। कोई नेता दूसरी पार्टी का है तो वह भष्ट्राचारी, परिवारवादी है, लेकिन वही अगर भाजपा में शामिल हो गया तो इमानदार हो गया। पार्टी के नेता तो बकैती लंबी-लंबी कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश में प्रत्याशी खोजना मुश्किल हो गया है। दूसरी पार्टी से नेता प्रत्याशी के तौर पर आयात किए जा रहे हैं। जनता हर पार्टी व नेताओं की चाल से वाकिफ है थोड़ा धैर्य रखिए चुनाव बाद स्थिति साफ हो जाएगी।

अखिलेश यादव औरंगजेब की भूमिका में आ गए हैं। पिता को घर में कैद कर कांग्रेस से हाथ मिलाने चले गए। लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी ऐसा मेरा मानना है।

हरिकिशन श्रीवास्तव

भाजपा सरकार से कर्मचारी वर्ग खफा है। खासकर सातवें वेतन आयोग में कमेटी गठित कर कर्मचारियों का एरियर लटका देना इस पार्टी को चुनाव में भारी पड़ेगा।

सुभाष पाण्डेय

व्यक्ति या कर्मचारी से बढ़कर देश होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के विकास के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं। उनकी यह मेहनत यूपी चुनाव में भी रंग दिखलाएगी।

डॉ शैलेष पाण्डेय

कर्मचारियों को नाराज कर नहीं बनेगी सरकार

चुनावी चर्चा में गणमान्य व्यक्तियों के साथ सेंट्रल व स्टेट के रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल थे। उनका दो टूक कहना था कि प्रदेश में लाखों कर्मचारी काम करते हैं। उनको नाराज कर कोई भी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकेगी। जो कर्मचारी का सच्चा हितैषी है वही प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगा।

Posted By: Inextlive