प्रॉविडेंट फंड का भुगतान हर कर्मचारी के लिए किए जाना उसके कंपनी की जिम्‍मेदारियों के दायरे में आता है। ऐसे में अब केंद्र सरकार जल्‍द ही इस दिशा में कदम उठाने जा रही है। सूत्रों की मानें तो जिन कंपनियों में 10 कर्मचारी भी काम कर रहे हैं तो भविष्‍य में आने वाले नए नियमों में उन्‍हें भी पीएफ का लाभ मिलने लगेगा।


सांसदों की संख्या कमजी हां अब केंद्र सरकार जल्द ही एक बार फिर से भविष्य में प्रॉविडेंट फंड के भुगतान को लेकर कुछ नए नियम पारित करने की तैयारी में हैं। जिससे अब जिन कंपनियों में 10 कर्मचारी भी काम कर रहे हैं, उन्हें भी भविष्य में प्रॉविडेंट फंड का भुगतान करना पड़ सकता है। हालांकि यह नियम केंद्र सरकार की कोई नई योजना में नहीं है। इस नियम को यूपीए सरकार के कार्यकाल में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्ट ने काफी पहले मंजूर कर लिया था लेकिन किन्हीं कारणों बस अभी तक लागू नहीं किया जा सका था। सूत्रों की मानें तो श्रम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है, लेकिन बीजेपी सांसदों की संख्या राज्यसभा में कम होने से श्रम मंत्रालय इसे अभी संसद में पेश करने से थोड़ा कतरा रहा है।
बड़ी संख्या में लोग


गौरतलब है कि अभी जिन कंपनियों में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं उन्हें पीएफ का भुगतान करना होता है। इससे कम कर्मचारी वाली कंपनियों को इसका लाभ नहीं होता है, लेकिन केंद्र सरकार लगातार कर्मचारियों को पीएफ के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है। सरकार का मकसद इस कदम के द्वारा मजदूरों की एक बड़ी संख्या को ईपीएफ स्कीम और सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है। जिससे कि उनका भविष्य काफी हद तक सुरक्षित हो सके।  सबसे बड़ी बात तो यह है कि नया फैसला लागू हो जाने के बाद ईपीएफओ कॉरपस की राशि 20 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी।

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Posted By: Shweta Mishra