धर्मशाला टी-20 : जानें कहां से शुरु हुआ था भारत-पाक क्रिकेट विवाद
1. मुख्यमंत्री वीरभद्र ने खड़े किए हाथ :-
आईसीसी ने टी-20 वर्ल्डकप शेड्यूल में भारत-पाकिस्तान का मैच 19 मार्च को धर्मशाला में रखा था। हालांकि यह लिस्ट रिवील होने के तुरंत बाद हिमाचल प्रदेश सरकार से कोई आपत्ति नहीं आई थी। लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आया प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मैच में सुरक्षा इंतजाम को लेकर हाथ खड़े कर दिए। वीरभद्र का कहना था कि, भारत-पाकिस्तान मैच होने से शहीदों के परिवारों की भावनाएं आहत होंगी। इन लोगों ने मैच का काफी विरोध भी किया था। ऐसे में वीरभद्र ने कहा कि, मैच के दौरान अगर कोई घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की नहीं होगी।
2. पाक सुरक्षा टीम ने लिया जायजा :-
वैसे पाकिस्तान की टीम 15 मार्च के बाद ख्ोलेगी, लेकिन भारत में पाक टीम की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान काफी एलर्ट हैं। पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसके बाद संघीय जांच एजेंसी के निदेशक उस्मान अनवर की अगुवाई में पाकिस्तान सुरक्षा टीम भारत आई थी। इसमें पीसीबी के अलावा नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग का एक प्रतिनिधि भी शामिल था। पाक सुरक्षा टीम ने यहां आकर सभी सुरक्षा इंतजामों को जायजा लिया।
3. आईसीसी ने धर्मशाला से छीना मैच :-
बुधवार को आइसीसी ने साफ कर दिया कि धर्मशाला में होने वाले भारत-पाक मैच अब कोलकाता में खेला जाएगा। इस फैसले के बाद बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब एक सीएम ये कहता है कि मैच के लिए माहौल ठीक नहीं है, इससे गलत संदेश जाता है। वहीं कल रात पीसीबी के प्रवक्ता अमजद हुसैन भट्टी ने बताया कि पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद ही टीम की रवानगी हो सकती है। पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' के मुताबिक सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने धर्मशाला गए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने कुछ सुरक्षा चिंता जताई थी।