5 फिल्में : समाज के अंधेरे पक्ष पर रोशनी डालती बॉलीवुड सिनेमा
कॉम्प्लेक्स होती कहानी
बॉलीवुड में आजकल ऐसी फिल्में बनने लगी जिसमें रोमांच के साथ-साथ खूब सारा थ्रिल भी हो जो दर्शकों को अपनी सीट पर जकड़ने में कामयाब हो सके। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म तीन में अमिताभ बच्चन ने अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में अमिताभ ने एक लड़की के दादाजी का रोल निभाया है, जो आठ साल पहले हुई अपनी पोती की किडनैपिंग का सुराग पता लगाने की कोशिश करते हैं। फिल्म की कहानी रोचक है और अगले पल क्या होने वाला है इस बात की उत्सुकता लगातार बनाए रखती है। फिल्म देखते समय दिमाग में कई तरह की बातें उठती रहती हैं जिसको देखकर दर्शको को लगता है मानो वो उनके साथ ही हो रहा हो।
दिल्ली की लड़की की कहानी
इससे पहले पवन कृपलानी ने रागिनी एमएमएस नाम की एक फिल्म बनाई थी जो दिल्ली की एक लड़की के साथ हुई घिनौनी वारदात की सत्य घटना पर आधारित थी। इसमें लड़की को उसके प्रेमी ने प्यार में धोखा दिया था और उसका एमएमएस बनाकर उसे बदनाम किया था। समाज में ऐसी घटना आम होती जा रही हैं जिसको पवन ने अपनी फिल्म द्वारा दिखाया था।
मर्डर मिस्ट्री पर फिल्म
नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज डबल मर्डर पर बेस्ड मेघना गुलजार की ‘तलवार’ फिल्म ने काफी चर्चा बटोरी थी। इस फिल्म ने समाज का एक वीभत्स रूप सामने लाया था जिसको देखकर सब ही लोग शौक्ड थे। जबरदस्त रिसर्च वाली ये डॉक्यूमेंट्री थ्रिलर ने ना सिर्फ दर्शकों को पूरी तरह बांध लिया था, बल्कि ये सोचने पर भी मजबूर कर दिया था की आखिर समाज किस तरफ जा रहा है।
लो रखते बजट
इस तरह की फिल्म बनाने वाले सभी निर्माता बजट का खासा ख्याल रखते हैं। वे फिल्मों के बजट को बहुत ज्यादा ग्रैंड नहीं करते हैं। इस तरह की थ्रिल से भरी फिल्मों को बनाने वाले निर्माताओं की पॉलीसी होती है कि वो कम बजट में फिल्म बनाकर दर्शकों पर ज्यादा इम्पैक्ट छोड़े। अब रमन राघव 2.0 फिल्म को ही ले लिजिए। इसको बनाने में निर्माताओं ने 4 करोड़ रुपये से भी कम खर्च किया है।