- सुशील मोदी ने लगाए आरोप, सरकार को मुकदमा करने की दी चुनौती

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PATNA: एक्स डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना निविदा के ट्रांसफॉर्मर खरीद में फ्7 करोड़ से ज्यादा का घोटाला उजागर करने पर सरकार तिलमिला गई है और जांच का आदेश देने के बजाय सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा करने की धमकी दे रही है.

क्भ् दिनों में सीएजी से कराए जांच

सुमो ने कहा कि सरकार को मेरी चुनौती है कि अगर उसमें हिम्मत है तो मुझ पर मुकदमा करके दिखाए. सरकार, ख्0क्ख् के टेंडर से तीन साल बाद बिना टेंडर हुई ट्रांसफॉर्मर खरीद की तुलना कर भ्रमित करने का प्रयास नहीं करे, बल्कि क्भ् दिनों के अंदर महालेखाकार से पूरी खरीद की जांच कराए और जांच पूरी होने तक सभी कामों पर रोक लगाई जाए.

मनमानी रेट में आपूर्ति का आदेश

जिलों में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत संपूर्ण कार्यो के लिए ख्0क्ख् में टर्न के आधार पर टेंडर निकाला गया था. तीन साल बाद जब ट्रांसफॉर्मर बदलने के लिए टेंडर निकाली गई, तो कोई कंपनी नहीं आई. ख्0क्ख् की टर्न की टेंडर से 8-क्0 आइटम्स को अलग निकाल कर मनमाने तरीके से पूर्व के रेट पर ही आपूर्ति का आदेश दे दिया गया. क्या सरकार को बिना टेंडर इतनी बड़ी राशि का काम आवंटित करने का अधिकार है? बिना टेंडर के ट्रांसफॉर्मर और अन्य बिजली उपकरणों की खरीद का आदेश देकर सरकार ने जहां नियम, प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई है वहीं चुनावी लाभ लेने की जुगत भी भिड़ाई है.

अलग-अलग जिलों में अंतर कैसे

सुशील मोदी ने ये भी सवाल उठाया है कि सरकार बताए कि एक ही आइटम के रेट में अगल-अलग जिलों में इतना अंतर क्यों है? क्या ट्रांसफॉर्मर की सप्लाई रेट एक ही राज्य में अलग-अलग जिलों के लिए एक लाख चार हजार से एक लाख म्0 हजार तक हो सकता है. क्या एबी स्वीच की दर क्,म्म्ख् से लेकर भ्8 हजार रुपए तक हो सकती है? जीआई स्ट्रक्चर की न्यूनतम दर 7क् हजार और अधिकतम एक लाख एक हजार तक हो सकती है?

Posted By: Manish Kumar