- ट्रेनिंग सेंटर खोलकर चलाते हैं दलाली की दुकान

- पूरे मंडल में फैला है विदेश भेजने वाले फर्जी एजेंट्स का जाल

- बेरोजगारों को ट्रेनिंग दिला पकड़ा देते हैं फर्जी सर्टिफिकेट

GORAKHPUR :

केस क्- जगदीशपुर के रहने वाले राधेश्याम यादव को दो साल पहले गोरखपुर में एक एजेंट मिला, जिसने उसे विदेश में नौकरी का सपना दिखाया। राधेश्याम बीए पास थे। एजेंट ने छह महीने में उन्हें एक प्राइवेट आईटीआई से फिटर ट्रेड में सर्टिफिकेट दिलाया। पूरा मामला ख् लाख रुपए में तय हुआ। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर दलाल ने राधेश्याम को सउदी अरब भिजवाया। जब राधेश्याम यादव सउदी अरब पहुंचे तो वहां उन्हें गेटकीपर की नौकरी मिली। वहां से किसी तरह निकलकर राधेश्याम इंडिया वापस आए। वह गुजरात गए और एक कंपनी में अपने सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी के लिए गए तो पता चला कि सर्टिफिकेट ही फर्जी?है। ये पता चलते ही राधेश्याम के पैरों तले जमीन ही खिसक गई।

केस ख् - चौरीचौरा के दलाल ने मनोज चौहान के घरवालों को खूब सब्जबाग दिखाए। विदेश में नौकरी दिलाने की बात कही। उसने मनोज को ड्राइविंग सिखाई और लाइसेंस दिलवाया। इस दौरान उसने मनोज के घरवालों से मनोज को सउदी अरब भेजने का वायदा भी किया। दलाल ने इस बात के लिए क्.भ् लाख रुपए लिए। सितंबर ख्0क्ख् में मनोज सउदी अरब के लिए रवाना हुआ। वहां पहुंचने के बाद मनोज को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। ड्राइविंग का सर्टिफिकेट लिए पहुंचे मनोज को गाड़ी साफ करने और एक शेख के घर नौकर का काम मिला। आखिरकार दो साल बाद इंडिया लौटे मनोज ने दोबारा सउदी अरब जाने से तौबा कर ली।

ये दो मामले उस मानसिक प्रताड़ना की बानगी है जो विदेश जाने वाले लगभग 90 परसेंट युवकों को झेलनी पड़ती है। ट्रेड टेस्ट सेंटर और ट्रेनिंग सेंटर के नाम पर अपनी दलाली की दुकान चमका रहे ये दलाल विदेश भेजने के नाम पर फर्जीवाड़ों की झड़ी लगा रहे हैं। ये पहले बेरोजगार युवकों को विदेश जाकर कमाने के सब्जबाग दिखाते हैं, फिर स्किल डेवलपमेंट का हवाला देकर उनकी ट्रेनिंग कराते हैं और सर्टिफिकेट पकड़ा देते हैं, जो फर्जी होता है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद धोखा खाने वाले युवक दर-दर भटकने को मजबूर हो जाते हैं।

प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस से होती है सेटिंग

विदेश भेजने के नाम पर लाखों वसूलने वाले दलाल हर स्तर पर अपनी सेटिंग बनाकर रखते हैं। एक ट्रेवल एजेंट की मानें तो बतौर ट्रेनिंग सेंटर के नाम से दुकान खोल बैठे ये दलाल लोकल आईटीआई, बड़े शहरों में मौजूद किसी प्राइवेट इंस्टीट्यूट से जुगाड़ करते हैं। वहीं पर बेरोजगारों को ट्रेनिंग दिलाते हैं और फिर फर्जी सर्टिफिकेट पकड़ा देते हैं। जब युवा इस सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी ढूंढने जाता है तो उसे सच्चाई का पता चलता है।

जोन के भ् लाख गए हैं परदेस

गोरखपुर मंडल के लगभग भ् लाख लोग सउदी अरब, इराक, ईरान, बैंकाक, सिंगापुर और थाइलैंड में रहते हैं। इनमें से करीब 80 परसेंट लोग इन फर्जी दलालों के माध्यम से विदेश भेजे गए हैं।

जिला विदेश गए नागरिक

गोरखपुर फ् लाख

देवरिया क् लाख

महराजगंज भ्0 हजार

कुशीनगर भ्0 हजार

नोट- आंकड़े लगभग में हैं

दो हजार दलाल लगाते हैं मंडी

विदेश भेजने का धंधा इतना चोखा है कि गोरखपुर मंडल में लगभग ख् हजार दलाल इसी काम में लगे हुए हैं। एक ट्रेवल एजेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया अकेले बड़हलगंज में ही ब्00 दलाल सक्रिय हैं।

इन एरियाज में सक्रिय हैं दलाल

डिस्ट्रिक्ट एरियाज

गोरखपुर जगदीपुर, चौरीचौरा, बड़हलगंज, बांसगांव, कौड़ीराम

देवरिया सलेमपुर, बरहज और रूद्रपुर

महराजगंज निचलौल और श्यामदेउवा

कुशीनगर फाजिल नगर, खड्डा और कसया

मिले सुराग तो करें पुलिस को कंप्लेंट

दलालों की सक्रियता को लेकर पुलिस भी एक्टिव है। एसएसपी आरके भारद्वाज का कहना है कि इन दलालों से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर पब्लिक के पास ऐसे किसी दलाल से जुड़ी कोई जानकारी है तो सीधे नजदीकी पुलिस थाने पर कंप्लेंट कर सकता है। थाने में सूचना देने पर भी कार्रवाई न हो तो अफसरों तक अर्जी लगाई जा सकती है।

तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। पहले भी जिन मामलों में पुलिस को तहरीर मिली है, पुलिस उन पर कार्रवाई कर रही है।

रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी

Posted By: Inextlive