GORAKHPUR : फैशन अब फिल्मों और रैप से उतर कर असल जिंदगी में शामिल हो गया है. एक्टर एक्ट्रेस मॉडल तो दूर नॉर्मल गर्ल्स और ब्वॉयज भी फैशन में इस कदर डूबे हैं कि उनका असली चेहरा पहचानना मुश्किल है. फिर चाहे ड्रेस मेकअप टैटू हो या फिर पियर्सिंग. गर्ल्स में कान छिदवाना वैसे तो देश की परंपरा में है मगर पियर्सिंग फैशन बन चुका है. गर्ल्स ही नहीं ब्वॉयज भी पियर्सिंग करा रहे हंै मगर फैशन का यह क्रेज उन्हें रिटर्न गिफ्ट में बीमारियां दे रहा है.


फैशन में खर्चा और बीमारियां दोनोंफैशन की इस अंधी दौड़ में गर्ल्स बिना कुछ समझे सिर्फ नाक, कान ही नहीं बल्कि बॉडी के कई पाट्र्स पेट की नाभि, आईब्रो, टंग, लिप्स में पियर्सिंग करा रही हैं, गर्ल्स में इयरलोब, इयरकार्टिलेज में पियर्सिंग का क्रेज ज्यादा बढ़ा है। इस क्रेज की वजह से वो कैसे भी पियर्सिंग के लिए तैयार हो जाती हैं जो कि उन्हें बीमारियों का शिकार बना रहा है। फैशन के लिए गर्ल्स किसी भी कॉस्मेटिक शॉप में पियर्सिंग करा लेती हैं जबकि इसके लिए स्पेशलिस्ट और स्पेशल इक्विपमेंट होने चाहिए। इन बातों का रखें खयाल
पियर्सिंग के पहले कुछ बातों का खयाल रखना जरूरी है। पियर्सिंग के पहले टिटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए। साथ ही कान छेदने के लिए प्रोफेशनल आर्टिस्ट को ही बुलाना चाहिए। पीयरसिंग के टाइम स्टेरलाइज्ड ग्लव्ज और इक्विपमेंट होने चाहिए। ज्वेलरी के लिए 300 ग्रेड की सर्जिकल स्टील, 14 से 18 कैरेट गोल्ड, निबोडियम और टाइटेनियम यूज होना चाहिए। साथ ही मेटल ज्वेलरी को पूरी तरह अवाइड करना चाहिए।


"पियर्सिंग फैशन के साथ ही एक आफत बन कर युवाओं को इरिटेट कर रही है। जिससे कई हेल्थ इश्यूज सामने आ रहे हैं। लिप्स और टंग में पियर्सिंग कराने वाले युवाओं के बीच सूजन, थॉर्ट ब्लॉकेज की प्रॉब्लम बढ़ जाती है साथ ही कई अन्य बीमारियां भी घेरने लगती है."डॉ। पीएन जायसवाल, ईएनटी सर्जनफैशन कर सकता है बीमार-हेपेटाइटिस बी-हेपेटाइटिस सी-ट्यूबरकोलोसिस-सायफिल्स-एचआईवी-सेपसिस

Posted By: Inextlive