पहली बार एफ़बीआई की ‘मोस्ट वांटेड’ की सूची में किसी महिला का नाम शामिल किया गया है. जोएन क़त्ल के मामले में दोषी करार दी गई थी. लेकिन 1979 में वो जेल से भागकर क्यूबा चली गई थी. उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा हुई थी.

अमरीकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने उन्हें ‘डोमेस्टिक टेरेरिस्ट’ की लिस्ट में रखा गया है. हालांकि उनसे कोई नया खतरा नहीं है. लेकिन उन्हें पकड़ने से जुड़ी सूचना देने पर कुल 20 लाख डॉलर का इनाम है.

माना जा रहा है कि जोएन अब भी क्यूबा में रहती हैं, जिसकी अमरीका के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं है. कहा जाता है कि क्यूबा में करीब ऐसे 70 लोगों को पनाह मिली हुई है जिनकी अमरीका को तलाश है.

हालांकि, अप्रैल में क्यूबा ने फ्लोरिडा के एक दंपति को वापस किया था जिनकी अमरीका तलाश कर रहा था.

जेल से कैसे भागी

जोएन ब्लैक लिबरेशन आर्मी की नेता थीं. एफबीआई इसे कट्टरपंथी संगठन मानता है जो 70 और 80 के दशक में कई अमरीकी पुलिस अधिकारियों की मौत के लिए ज़िम्मेदार है.

1973 में जोएन और उसके दो साथियों को न्यूजर्सी पुलिसकर्मियों ने रोका था. एफबीआई के मुताबिक, जवाब में जोएन और साथियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलियाँ चलाईं थी, इसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया. जोएन के एक साथी की मुठभेड़ में मौत हो गई थी और दूसरा जेल में है.

जोएन को भी जेल हुई थी लेकिन ब्लैक लिबरेशन आर्मी के लोगों की मदद से वो भाग निकलने में सफल रहीं. ये लोग वैन लेकर जेल में आए गए और जोएन को ले गए.

पुलिस के मुताबिक जोएन कुछ सालों तक अमरीका में ही छिपती रही और बाद में क्यूबा में दिखीं. उन्हें क्यूबा में राजनीतिक शरण मिली हुई है.

एफ़बीआई ने जोएन से जुड़ी जानकारी देने के लिए 10 लाख डॉलर का पुरस्कार रखा है. जबकि न्यू जर्सी पुलिस ने भी 10 लाख डॉलर इनाम रखा है.

Posted By: Garima Shukla