लघु मध्‍यम और कुटीर उद्योगों को भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ बताते हुए वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आने वाले समय में ये भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने में महत्‍पूर्ण भूमिका निभाएंगी।


अब भी चल रहा है आर्थिक सुधारएमएसएमई सेक्टर के पहले इंडेक्स क्रिसिडेक्स के लांचिंग मौके पर वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान आर्थिक सुधार के जो कदम उठाए गए वह अब भी जारी है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस मजबूती का श्रेय एमएसएमई सेक्टर को ही मिलने वाला है। हेल्थ सेक्टर के लिए उठाए गए कदम से भी अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी। यह सेक्टर अब औपचारिक रूप से अर्थव्यवस्था में अपना योगदान देगा।सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है एमएसएमई
वित्तमंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार मुहैया कराता है। इतना ही नहीं इस क्षेत्र के लोग अपने हुनर और अपने कारोबार को स्थापित करने की प्रक्रिया में भी रोजगार के मौके पैदा करते हैं। यही वजह है कि निर्माण और कारोबार की प्रक्रिया में यहां काफी मात्रा में रोजागार के मौके बनते हैं। देश में सबसे ज्यादा रोजगार इसी सेक्टर में है।टैक्स से दी राहत ताकि संभले यह सेक्टर


देश की जनसंख्या को देखते हुए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोजगार देने की क्षमता काफी सीमित है। ऐसे में इस क्षेत्र का महत्व काफी बढ़ जाता है। वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा कि एमएसएमई के महत्व को हम सब समझते हैं और यही वजह है कि हमने पिछले चार से पांच महीनों के दौरान इस क्षेत्र को टैक्स से राहत दी गई।इस सेक्टर को नहीं होगी धन की कमीधन की जरूरत इस क्षेत्र को है और बैंक अभी इन्हें लोन देने से कतराते रहे हैं लेकिन हम वादा करते हैं अब उनके सामने ऐसी कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। पिछले चार से पांच महीनों के दौरान उद्मीमित्र योजना के तहत 750 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा चुका है। इसका 3300 मामलों में फायदा हुआ है। बैंकों को लोन देने की दृष्टि से समर्थ बनाया गया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh