महेंद्र सिंह धोनी विराट कोहली शिखर धवन रोहित शर्मा ये वो नाम है जो मौजूदा वर्ल्‍ड कप में इंडियन टीम को छह लगातार जीतों से क्वार्टर फाइनल तक ही नहीं लेकर आए बल्कि फाइनल तक पहुंचाने और लगातार दूसरा वर्ल्‍ड इंडियन फैंस के हाथों में देने की तैयारी कर रहे हैं. इंडियन टीम के इन रन मशीनों की बात करें तो नो डाउट वर्ल्‍ड क्लास प्लेयर्स हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें वर्ल्‍ड क्लास प्लेयर बनाने में कई लोगों का हाथ भी है. जी हां इन बल्लेबाजों का बल्ला बनाने वाले लोगों पसीना भी इनमें लगा होता है. मेरठ स्पोर्ट्स सिटी जाने वाले इन खिलाडिय़ों के बल्लों में आज भी उतनी ही मेहनत लगती है. आइये आपको भी बताते हैं कि एक खिलाड़ी का बल्ला कैसे तैयार होता है.

स्टेप : 1
मेरठ में अधिक बैट इंग्लिश विलो (लकड़ी) से तैयार होते हैं. ये लकड़ी इंग्लैंड से मंगाई जाती है. वैसे कश्मीरी विलो के भी बैट बनाए जाते हैं.

स्टेप : 3
फिर बैट के हैंडल पर काम होता है. बैट का हैंडल के लिए असम की बांस की लकड़ी का इस्तेमाल होता है. उसके चार लेयर्स के बीच में रबर चढ़ाई जाती है. फिर उसे सुखाकर शेप दी जाती है.




स्टेप : 5

उसके बाद का स्टेप उसे प्रॉपर शेप देने की बारी आती है. उसकी घिसाई की जाती है. पूरे बैट का शेप दिया जाता है.


स्टेप : 7
उसके बाद मशीन के थ्रू बैट की बफिंग की जाती है. बफिंग से बैट में फिनिशिंग के अलावा चमक और शेप भी थोड़ी ठीक होती है.


स्टेप : 9
उसके बाद बैट को फाइनल टच के लिए बैंड चढ़ाया जाता है. उसके बाद उसे स्टीकर चढ़ाकर मार्केट और बैट्समेन को भेजे जाते हैं.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari