- 137 स्कूलों को बनाया गया सेंटर्स

- 5500 कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई

- 35 परसेंट गायब रहे कक्ष निरीक्षक

पहली पाली- होम साइंस हाईस्कूल

प्रारंभिक हिन्दी इंटरमीडिएट

दूसरी पाली- सामान्य हिन्दी इंटरमीडिएट

- स्थलीय निरीक्षण के बाद भी बना दिया टीन शेड के नीचे सेंटर्स

- बोल-बोलकर कराई गई सेंटर पर नकल

- यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन का हाल बेहाल

LUCKNOW: यूपी बोर्ड प्रशासन की ओर से इस बार बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने और बेहतर स्कूलों को सेंटर्स बनाने के बड़े-बड़े दावे किये गये थे, लेकिन उनके यह दावे पहले मंगलवार को ही दिन हवा हवाई साबित हुए। राजधानी के माल, मलिहाबाद और मोहनलालगंज इलाके में बोर्ड प्रशासन की गाइडलाइन का जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। इन क्षेत्रों में शिक्षा विभाग की ओर से ऐसे स्कूलों को सेंटर्स बना दिया गया, जहां न तो छत है और नही सही से खिड़की दरवाजे हैं। स्टूडेंट्स ठंड के मौसम में टीन शेड के नीचे बैठकर एग्जाम देने को मजबूर हैं। बोर्ड एग्जाम के पहले दिन ही सेंटर्स की दूरी, एग्जाम रूम में अंधेरा और बैठने का प्रॉपर इंतजाम न होने से स्टूडेंट्स के पसीने छूट गए।

क्लासिक मॉन्टेसरी स्कूल में नियमों की पूरी अनदेखी

मलिहाबाद क्षेत्र स्थित क्लासिक मॉन्टेसरी स्कूल में बोर्ड एग्जाम के सभी नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई। पहले तो इस स्कूल को सेंटर बनाने के लिए यूपी बोर्ड के सभी नियमों को दरकिनार कर दिया गया। वहीं यहां पर परीक्षा देने पहुंचे स्टूडेंट्स के लिए बैठने तक की जगह नहीं है। टीन शेड में बैठाकर परीक्षा कराई जा रही है। साथ ही छत पर बने एक कमरे में तो लाइट तक की व्यवस्था नहीं थी। यही नहीं स्टूडेंट्स को इतना करीब बैठाया गया है कि एक का हाथ दूसरे की उत्तरपुस्तिका पर लगता है। यह हाल तब है जबकि पूरी परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए तमाम दावे किए गए थे। वहीं परीक्षा देकर निकली इंटरमीडिएट की कुछ छात्राओं ने बोल-बोल कर नकल कराने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि कुछ कमरों में नकल कराई जा रही है। सूत्रों की मानें तो स्कूल में नकल कराने की तैयारी एग्जाम शुरू होने से पहले ही शुरू कर दी गई थी। बोर्ड के नियमों के अनुसार स्कूल प्रबंधक परीक्षा केन्द्र पर मौजूद नहीं रह सकते हैं। जबकि स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद फैसल खान प्रिंसिपल के पद पर तैनात हैं। यह सारा खेल शिक्षा विभाग को गुमराह करने के लिए किया गया। हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी इसकी पूरी जानकारी है।

नहीं पहुंचे 35 फीसदी कक्ष निरीक्षक

हैलो, कंट्रोल रूममैं राम किशोर कॉवेंट कॉलेज से बोल रहा हूं। परीक्षा में15 कक्ष निरीक्षक नहीं पहुंचे हैं। फोन का रिसीवर रखते ही फिर घंटी बजती है। हैलो सर, अर्जुनगंज विद्या मंदिर कॉलेज में 9 कक्ष निरीक्षकों की कमी है, जल्दी व्यवस्था करवा दीजिए मंगलवार को सुबह से लेकर शाम तक डीआईओएस कार्यालय में बने कंट्रोल रूम में इसी तरह फोन घनघनाते रहे। ज्यादातर शिकायतें कक्ष निरीक्षक न पहुंचने को लेकर आई। कहीं पांच तक कहीं 10 और कहीं-कहीं 15 कक्ष निरीक्षक डयूटी ज्वाइन करने नहीं पहुंचे। कक्ष निरीक्षकों की कमी की वजह से कई परीक्षा केंद्रों पर हर कमरे में एक-एक शिक्षक के सहारे परीक्षा कराई गई। कंट्रोल रूम के मुताबिक संस्कृत पाठशाला सदर में 9, लखनऊ मॉडल पब्लिक इंटर कॉलेज में 2, चौ। प्यारे लाल इंटर कॉलेज नगराम में 12, दयानंद इंटर कॉलेज महानगर में चार, एमकेएसडी इंटर कॉलेज में दो, बीकेटी इंटर कॉलेज में 6, करामत हुसैन ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज 6, विशून नारायन इंटर कॉलेज 4, कस्तूरबा कन्या इंटर कॉलेज में 5, राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज में 12, राष्ट्रीय उद्योग आश्रम मटियारी चिनहट में आठ, सुन्नी इंटर कॉलेज में 6, कुंवर आसिफ अली इंटर कॉलेज में 13 व गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज में 10 कक्ष निरीक्षकों की कमी दर्ज कराई गई। इसकेअलावा कुम्हरावां इंटर कॉलेज, एसबीएन इंटर कॉलेज सहित दर्जनों परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की कमी बनी रही।

न लाइट न कमरा, हो गया एग्जाम

यूपी बोर्ड एग्जाम कराने के लिए 137 सेंटर्स बनाए गए थे। इस बार सेंटर्स बनाने की प्रक्रिया में जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने काफी मानकों की अनदेखी की। इस बार ऐसे स्कूलों को सेंटर्स बना दिया जहां स्टूडेंट्स के बैठने के लिए सहीं से कमरे तक नहीं थे। उन्हें टीन शेड के नीचे एग्जाम दिलाया गया। साथ ही रोशनी के नाम पर सभी कमरों में एक बिजली का बल्ब लगा दिया गया। जनता इंटर कॉलेज खड़ौहां में जिन कमरों में एग्जाम कराया जा रहा था। उसमें बिजली की कोई व्यवस्था तक नहीं थी। स्टूडेंट्स अंधेरे में एग्जाम देने को मजबूर थे। इसी तरह राम दुलारी काशी प्रसाद इंटर कॉलेज के कमरों की भी स्थिति ऐसी ही थी। वही एस पब्लिक इंटर कॉलेज कुरासर माल में एग्जाम रूम में खिड़की व दरवाजे तक नहीं लगे हुए हैं।

Posted By: Inextlive