गोदाम में बारिश का पानी, खराब हो रहा खाद्यान्न
- गोदामों में बारिश के पानी की सीलन, गिर रही खाद्यान्न की क्वालिटी
आगरा। गरीबों का गेहूं सरकारी गोदामों में सड़ रहा है। शासन के निर्देशों के बावजूद भी जिले के गोदामों में खाद्यान्न के रखरखाव की उचित व्यवस्था नहीं की जा सकी। इसके चलते गेहूं के पैकेट में सीलन आ रही है। 15 ब्लॉकों के अलावा आरएफसी (रीजनल फूड कॉर्पोरेशन) के बड़े गोदामों रुनकता, शाहदरा नुनिहाई में खाद्यान्न की क्वालिटी में गिरावट आ रही है। सिकंदरा वाले गोदाम के परिसर में भरा पानी अन्दर तक पहुंच गया है। इससे अब तक दर्जनों गेहूं के पैकेट खराब हो चुके हैं। गोदामों की क्षमता बढ़ाने के दिए निर्देशगत वर्ष दिसंबर में शासन द्वारा निर्देश दिए गए थे। जिसमें दो महीनों में वितरण के अनुरूप गोदाम की भंडारण क्षमता को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए थे। वितरण व आवंटन के अनुरूप गोदाम की क्षमता बढ़ाने का उत्तरदायित्व सम्बन्धित जिला खाद्य विपणन अधिकारी को सौंपा गया था। लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा केवल औपचारिकता निभाई गई। दो-चार जगह को छोड़कर रस्म अदायगी कर दी। गोदामों में खाद्यान्न के रखरखाव की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई।
जिले के गोदामों का हालजनपद में आरएफसी के दो बड़े गोदाम हैं। इनमें एक रुनकता में दूसरा शाहदरा नुनिहाई एरिया में हैं। इसके अलावा एफसीआई (फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) का एक खाद्यान्न गोदाम आगरा कैंट एरिया में है। वहीं, छह तहसीलों में जिनमें सदर, फतेहाबाद, एत्मादपुर, किरावली, बाह, खेरागढ़ में अलग-अलग गोदाम बने हुए हैं। गत वर्ष भी रुनकता के गोदाम में गेहूं खुले में पड़ा होने के कारण खराब हो गया था। इसमें गोदाम के अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने लापरवाही बरती गई थी।
अधिकारी नहीं करते निरीक्षण गोदामों में धान, गेहूं के रखरखाव की स्थिति कैसी है? इसे देखने के लिए अधिकारियों के पास फुर्सत नहीं है, जबकि शासनादेश के अनुसार समय-समय पर गोदामों का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट शासन को भेजी जानी चाहिए।