पीएम नरेंद्र मोदी से करीब दस मिनट तक हुई मुलाकात में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने प्रधानमंत्री का दिल जीत लिया. मुलाकात के बाद मांझी ने कहा कि मोदी हमारी मुस्कान के कायल हो गए. मोदी ने उनसे कहा विपरित परिस्थितियों में भी आपके मुस्कुराने की कला लाजवाब है.

मिलकर लड़ेंगे चुनाव
बताया जाता है कि NDA के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने सहित मांझी ने चार अन्य मुद्दों पर बात की. मांझी 11:45 पर प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे. प्रधानमंत्री से मुलाकात करने को लेकर मांझी पिछले दो दिनों से दिल्ली में थे. प्रधानमंत्री ने मांझी से गुरुवार को मुलाकात का वक्त दिया था. सूत्रों के अनुसार जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री से NDA के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही. इसके लिए सीटों के बटवारे और अन्य मुद्दों पर बाद में चर्चा की बात कही गई. NDA के साथ गठबंधन के अलावा प्रदेश की चार प्रमुख समस्याओं पर भी हस्तक्षेप करने की मांग की.
1 साल पूरा होने पर बधाई
मांझी ने मोदी से प्रदेश में हुए धान घोटाले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की. इसके साथ ही बिहार में बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने की बात कही. जीतनराम मांझी ने नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर भी बधाई दी. इसके साथ ही प्रदेश में किसानों की आत्महत्या मामले पर भी हस्तक्षेप करने की मांग की. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मांझी को भाजपा में शामिल होने का न्योता देने और मांझी के प्रधानमंत्री के काम करने की तारीफ करने के बीच दोनों लोगों की मुलाकात महत्वपूर्ण है. वहीं पिछले दिनों जीतनराम मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार के सिवाय अन्य किसी से भी गठबंधन में उन्हें कोई एतराज नहीं है.
जनता परिवार से दूरी
मांझी ने साफ किया था कि नीतीश कुमार के रहते जनता परिवार का वे हिस्सा नहीं बनेंगे. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भाजपा में आने के ऑफर पर अभी विचार नहीं किया है. वैसे नीतीश को छोड़कर किसी भी गठबंधन में शामिल होने का विकल्प खुला हुआ है.पप्पू यादव और साधु यादव से भी हम को परहेज नहीं है. अगर नीतीश अकेले चुनाव लड़ें तो हमारी पार्टी भी अकेले चुनाव लड़ेगी. वहीं एक दिन पूर्व लालू ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को गठबंधन में शामिल होने के सुझाव पर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में प्रजातंत्र पर खतरा है. इसकी रक्षा के लिए मांझी सहित लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी दलों को साथ लाने का प्रयास है. जनता को यह कहने का मौका नहीं मिलेगा कि मैंने प्रयास नहीं किया. इस कड़ी में ही नीतीश कुमार ने भाकपा को साथ लाने का प्रयास किया है.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari