भारत के मिसाइलमैन पूर्व राष्‍ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दिल्‍ली लाया जा रहा है। ऐसे में देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्‍हें भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्‍थित रहेंगे।। इसके बाद डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्‍कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में किया जाएगा।


दिल का दौरा पड़ने से


देश के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम का पार्थिव शरीर देश की राजधानी दिल्ली स्थित आवास 10, राजाजी मार्ग लाया जा रहा है। ऐसे में विशिष्ट वैज्ञानिक, प्रशासक, शिक्षाविद तथा लेखक के रूप जाने गए डा. एपीजे अब्दुल कलाम दर्शन के लिए उनके आवास के पास लोगों का हूजूम उमड़ा है। हर कोई भारत के मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर का दर्शन करना चाहता है। ऐसे में उनका पार्थिव शरीर एक विशेष विमान से दिल्ली लाया जा रहा है। इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए उनका शरीर उनके पैतृक गांव रामेश्वरम ले जाया जाएगा। बतातें चलें कि पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम कल सोमवार की शाम शीलॉन्ग स्थित आईआईएम में एक व्याख्यान देने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से गिर गए थे। इस दौरान उन्हें फौरन बेथनी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।देश की एक बड़ी क्षति

ऐसे में जैसे ही राष्ट्रपति के निधन  की खबर फैली हर कोई शॉक्ड हो गया है। ऐसे में उनके निधन पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हर किसी ने दुख व्यक्त किया। इतना ही नहीं उनके निधन को देश की एक बड़ी क्षति के रूप में बताया। रामेश्वरम के करीब पैदा 83 साल के राष्ट्रपति एपीजे ने 18 जुलाई 2002 को देश के 11वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था। इसके पहले  डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने 1931 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स की पढ़ाई की थी और वह भारत में एक मिसाइल मैन के नाम से जाने गए।  वह 1997 में भारत रत्न से भी सम्मानित किए गए जा चुके थे। इतना ही नहीं वह लंबे समय तक डीआरडीओ और इसरो के साथ जुड़े रहे। देश की रॉकेट और मिसाइल टेक्नोलॉजी और देश की मिसाइल प्रणाली के विकास में उनका विशेष योगदान रहा।

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Posted By: Shweta Mishra