काले धन पर अंकुश लगाने के लिए आईटी डिपार्टमेंट अब प्रत्‍येक व्‍यक्‍ित के ट्रांजेक्‍शन पर नजर गड़ाए हुए है। कर चोरी की रोकथाम के लिए आयकर विभाग आपके लगभग सभी खर्चों पर नजर रखे है। महंगी सेवाओं के उपयोग से लेकर और वस्तुओं की खरीद तक आपको पैन कार्ड तो देना ही होगा साथ ही कुछ मामलो में जिन कंपनियों से ये सेवाओं या वस्तुएं ले रहे हैं उन पर भी जिम्मेदारी है कि वह इन बड़ी खरीदफरोख्त की सूचना टैक्स डिपार्टमेंट को दे।



2. वहीं अगर आप अचल संपत्ति यानी (जमीन या मकान) आदि की खरीदारी करते हैं। तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार की यह जिम्मेदारी होगी कि वह किसी भी अचल संपत्ति जोकि 30 लाख रुपए से अधिक की हो, की खरीददारी या बिक्री की सूचना आईटी विभाग को देगा।

4. 10 लाख रुपए या इससे अधिक के शेयर्स, डिबेंचर्स या म्यूचुअल फंड्स की खरीददारी की सूचना कंपनियों को टैक्स विभाग को देनी होगी।

6. अब 2 लाख रुपए या इससे अधिक की चीजों और सेवाओं की खरीद पर ग्राहक को पैन नंबर देना अनिवार्य है।

8. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टीडीएस द्वारा भी आयकर विभाग करदाता की आय पर नजर रखता है। यदि एफडी से होने वाली इनकम सालाना 10 हजार रुपए से अधिक हो तो बैंक इस पर टीडीएस काटता है।

9. 10 लाख रुपए से अधिक की कार खरीद पर 1 फीसदी की दर से लग्जरी टैक्स लगता है। यह कार बेचने वाले से वसूला जाता है और एक्स शोरूम प्राइस पर लगता है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari