दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए उच्च न्यायालय और उसके अधीनस्थ अदालतों के कामकाज को 15 जुलाई तक सस्पेंड कर दिया है। कोरोना वायरस की महाराष्ट्र के बाद दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रभावित राज्य है।


नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली में कोरोना वायरस की वजह से बने हालातों को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की एडमिनिस्ट्रेटिव एंड जनरल सुपरविजन कमेटी ने कहा कि हाई कोर्ट के साथ-साथ इसके अधीनस्थ न्यायालयों के नियमित कामकाज 15 जुलाई तक निलंबित रहेंगे। इस अवधि में न्यायालय के समक्ष सूचीबद्ध सभी लंबित मामले स्थगित हो जाएंगे। एक सर्कुलर में हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत की एडमिनिस्ट्रेटिव एंड जनरल सुपरविजन कमेटी ने दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों और उससे बने हालातों पर विचार विमर्श किया। इसके बाद दिल्ली अदालती काम-काज को अभी और 15 दिन तक सस्पेंड रखने का फैसला लिया गया है।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दूसरा नंबर
हालांकि इस दाैरान दिल्ली हाई कोर्ट ने यह स्‍पष्ट कर दिया है कि बेहद जरूरी या फिर तत्काल मामलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की जाएगी। इस दाैरान किसी को अदालत आने की जरूरत नहीं होगी। इससे पहले संबंधित समिति ने 30 जून तक अदालत के कामकाज को निलंबित कर दिया था। महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दूसरा नंबर है। इसमें कुल 83,077 कोरोना वायरस के मामले हैं, जिनमें 2,623 मौतें और 52,607 ठीक हुए मरीज भी शामिल हैं। वहीं राष्ट्रीय राजधानी में एक्टिव केसेज की बात करें तो कोरोना वायरस के इस समय कुल 27847 एक्टिव मामले हैं। मृतकों की संख्या भी 16,475 पहुंच गईदेश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 5,48,318 हो गए हैं। मृतकों की संख्या भी 16,475 पहुंच गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटों में 19,459 कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं। वहीं कोरोना वायरस से पीड़ित 380 लोगों की माैत भी हुई है। यह लगातार छठा दिन है कि कोरोनावायरस संक्रमण 15,000 से अधिक बढ़ गया है। देश में 1 जून से अब तक 3,57,783 संक्रमणों की वृद्धि देखी गई है। सकि्रय मामलों की संख्या 2,10,120 है जबकि 3,21,722 लोग ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा एक मरीज पलायन कर चुका है। पुष्टि किए गए मामलों की कुल संख्या में विदेशी भी शामिल हैं।

Posted By: Shweta Mishra