DTC की बसों में रामदेव और उनके फॉलोअर्स को बवाना ले जाया गया. रामदेव ने भी बवाना जाने के लिए अपनी सहमती दी थी लेकिन उन्‍हें सबसे अलग अम्‍बेडकर स्‍टेडियम में रखा जाएगा.


पहले न्यूज आयी थी कि तीन बसों में बाबा के फॉलोअर्स बवाना में राजीव गांधी स्टेडियम की टंपरेरी जेल में पहुंचा दिया गया है और बाबा को शायद दिल्ली गेट से सीधे हरिद्धार भेज दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ बाबा रामदेव को उनके फॉलोअर्स से अलग अम्बेडकर स्टेडियम में टंपरेरी जेल बना कर वहां रखा गया है।


बाबा का काफिला रंजीत सिंह फ्लाई ओवर पर रोक दिया गया और उन्हें अपने फॉलोअर्स सहित अरेस्ट करके बवाना में राजीव गांधी स्टेडियम की टंपरेरी जेल ले जाया जा रहा है। फ्लाई ओवर पर पहुंचे बाबा का मार्च रुका और फॉलोअर्स सड़क पर बैठ गए इसके बाद पुलिस ने बाबा सहित सबको अरेस्ट कर लिया बाबा के शॉर्ट एड्रेस के बाद सभी को राजीव गांधी स्टेडियम की टंपरेरी जेल रवाना कर दिया गया। ला ब्रेक करने के केस में बाबा और उनके सर्पोटर्स को एनडीएमसी मे पहुंचते ही अरेस्ट किया जा सकता है वहां पर धारा 144 लगा दी गयी है्। अरेस्ट करके सभी को बवाना स्थित राजीव गांधी स्टेडियम ले जाया जाएगा जहां टेम्परेरी जेल बनायी गयी है।

मनाही के बावजूद सिचुएशन बिगडने के चांसेज के चलते दिल्ली पुलिस ने मार्च के रूट में आने वाला रंजीत सिंह फ्लाई ओवरबंद कर दिया है। योगगुरू की महा क्राति अब पॉलिटिकल राइवलरी की बैसाखी पर चलती हुई पहुंचेगी पार्लियामेंट हाउस पर धरना देने। दूसरी ओर पार्लियामेंट में अपर हाउस की वर्किंग 2 बजे तक बंद कर दी गयी है। मंच पर दिखने वाले पॉलिटिकल लीडर अब नजर नहीं आ रहे।

सरकार ने अब रामदेव के मूवमेंट को यह कहते हुए कतई नकार देने की बात कही है कि अब यह मूवमेंट पॉलिटिकल राइविलरी का अखाड़ा बन चुका है। कांग्रेस की लीडर गिरिजा व्यास ने कहा कि बाबा के मूवमेंट को बीजेपी और संघ का सर्पोट मिल रहा है। यह बात पूरी तौर पर गलत भी नहीं है। इस समय उनके मंच पर बीजेपी अध्यहक्ष नितिन गडकरी, जेडीयू अध्यकक्ष शरद यादव, सुब्रामणियम स्वामी जैसे लीडर्स के अलावा अकाली दल, तेलगू देशम जैसी कई पॉलिटिकल पार्टीज के लीडर्स मौजूद हैं। 


जाहिर है कि महाक्रांति का मंच अब राजनीतिक भड़ास और स्वार्थें को साधने का जरिया नजर आने लगा है जिसका सिंगल प्वांइंट एजेंडा 2014 के जरनल इलेक्शन के मद्दे नजर रूलिंग पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करने का है। अगर ऐसी मंशा ना होती तो कल तक जिन अन्ना को चेंजेस के लिए क्रेडिट दिया जा रहा था उन्हें इसी मंच पर हाशिए पर खड़ा कर देने की साजिश ना होती। अब कांग्रेस के खिलाफ रामदेव के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना साधा जाएगा और टीम अन्ना को लड़ाई से पहले ही किनारे कर दिया गया है क्योंकि अन्ना की लड़ाई को हराने का ठीकरा उन्हीं की टीम के सिर पर फोड़ दिया गया है.     दूसरी ओर अनशन के पांचवें दिन अपनी स्ट्रैटिजी चेंज करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि उनका काफिला कुछ देर में पार्लियामेंट हाउस के लिए कूच करेगा, इस मार्च के लिए उन्होंने अपने माथे पर काली पट्टी भी बांध ली है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पार्लियामेंट का घेराव नहीं करेंगे। रामदेव रामलीला मैदान छोड़कर पार्लियामेंट के बाहर धरना देने वाले हैं। रामदेव ने कहा है कि उनकी इमीडिएट प्लानिंग रीसेंट इलेक्शन है, वो बताएंगे कि किसे हराना है, किसे जिताना है.रामदेव ने कहा कि उन्हें पार्लियामेंट जाने से रोका नहीं जाए और उनके फॉलोअर्स किसी तरह से वायलेंस का सहारा नहीं लेंगे। जहां तक एडमिनिस्ट्रेशन का सवाल है ऐसा लगता है कि अगर रामदेव ने पार्लियामेंट हाउस के बाहर धरना देने की कोशिश की तो उन्हें  अरेस्ट किया जा सकता है, क्योंकि बाबा को मार्च की परमीशन नहीं मिली है।

Posted By: Inextlive