- आई एक्सक्लूसिव

पैसा लेकर संपत्ति के रिकार्ड में छेड़छाड़ रहे नगर निगम कर्मचारी

जोनल ऑफिस में गोरखधंधा, दो मामलों ने खोली पोल

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: खून-पसीने की कमाई के साथ एक-एक ईट जोड़ कर जिस मकान में आप रहते हैं, उस पर हल पल खतरा मंडरा रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि आपका मकान किसी और के नाम हो जाए और आपको इसकी भनक भी न लगे। क्योंकि नगर निगम के कर्मचारी चंद रुपयों के लिए खसरा-खतौनी और संपत्ति के रिकार्ड में छेड़छाड़ कर रहे हैं। नगर निगम के जोनल कार्यालयों में दाखिल खारिज के साथ ही नाम परिवर्तन में इस तरह का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसके चलते कई मकानों व जमीनों पर अवैध कब्जा किया जा चुका है। वहीं कई मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। सामने आए दो ताजा मामलों ने इस गोरखधंधे से पर्दा उठाया है।

रिकार्ड खंगाला तो हैरान रह गए

मेरे संज्ञान में अभी इस तरह के मामले नहीं आए हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो ये गलत है। जांच कर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

शेषमणि पांडेय

नगर आयुक्त

नगर निगम, इलाहाबाद

नाम परिवर्तन और दाखिल खारिज में की जा रही मनमानी के दो-चार मामले करीब-करीब प्रति दिन नगर निगम के प्रधान कार्यालय में पहुंच रहे हैं। लोग कहते हैं जब कागज की जरूरत हुई, निगम से निकलवाने आए तो पता चलता है कि किसी और का नाम चढ़ा हुआ है या फिर नाम ही बदल गया है। लोग जिंदा हैं और डेथ सर्टिफिकेट लगाकर रजिस्ट्री कराकर दूसरे का नाम चढ़ा दिया जाता है। नकली डेथ सर्टिफिकेट के थ्रू भी खेल हो रहा है।

केस-1

नार्थ मलाका की रहने वाली सुल्ताना बेगम का आरोप है कि उनका मकान उनके पिता इरशारूल्ला के नाम है। छोटे भाई इरफानउल्ला की मौत के बाद पिता अकेले वारिस बन गए। जिसके बाद 1983 में उनकी छह बहनों ने मकान में कोई हिस्सा न लेने का एनओसी भी दिया था। लेकिन 2015 में पिता इरशारूल्ला की मौत के बाद उनकी छह बहनों ने न्यायालय में दावेदारी पेश कर दी। जिसका मामला चल रहा है। न्यायालय से अभी फैसला नहीं आया, विवाद चल रहा है। इसी बीच नगर निगम के जोन-3 में सेटिंग व लेन-देन कर पिता के छह बहनों का नाम चढ़ा दिया गया। जबकि पिछले कई वर्षो से नगर निगम के रिकार्ड में केवल उनके पिता का नाम ही दर्ज है।

केस- 2

125-42 शिवकुटी का बंगला पिछले कई सालों से रानी ज्योत्सना देवी के नाम दर्ज था। नगर निगम के रिकार्ड में भी उनका नाम चला आ रहा था। 2003-04 में रानी ज्योत्सना देवी के निधन के बाद बेटी धनेश्वरी देवी के नाम हो गया। 2006 में इस मामले में म्यूटेशन भी हुआ, जिसका 2010 में फैमिली सैटलमेंट हो गया। अन्य जिन लोगों ने दावेदारी की थी, उन्होंने एनओसी भी दे दिया। जिनका नाम हटवाने और धनेश्वरी देवी का नाम चढ़ाने के लिए नगर निगम में अप्लीकेशन दिया गया था। लेकिन 2010 के बाद न तो अन्य लोगों का नाम हटा और न ही धनेश्वरी देवी का नाम चढ़ा। 2016 में जब हाउस टैक्स बिल की जांच की गई तो पता चला कि नगर निगम के रिकार्ड में बंगला धनेश्वरी देवी के नाम है ही नहीं। जिसकी शिकायत शनिवार को परिवार के सदस्यों ने नगर निगम पहुंच कर मेयर अभिलाषा गुप्ता से की।

केस-3

अल्लापुर में रहने वाली एक विधवा बुजुर्ग महिला पति की मौत के बाद अकेले रहती थी। नगर निगम के रिकार्ड में महिला नाम ही दर्ज था। लेकिन परिवार के कुछ लोगों ने गुणा-गणित करके विधवा महिला का नाम हटवा कर किसी तरह अपना नाम चढ़वा लिया। नाम चढ़वाने के बाद मकान पर दावेदारी कर दी और विधवा महिला का सामान फेंकवा कर कब्जा करने पहुंच गए थे। जिसके बाद काफी विवाद हुआ था।

म्यूटेशन के ये हैं नियम

नगर निगम के रिकार्ड में अपना चढ़वाने के लिए सबसे पहले दाखिल खारिज के लिए आवेदन करना पड़ता है

नगर निगम या फिर जोनल कार्यालय से 50 रुपये का आवेदन पत्र लेना पड़ता है

इसके बाद फार्म भर कर साक्ष्य की प्रतिलिपि के साथ संबंधित जोन कार्यालय में जमा करना पड़ता है

जिसके बाद जोनल अधिकारी द्वारा संबंधित एरिया के इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मांगी जाती है

फिर संबंधित पक्षकारों को नोटिस दिया जाता है और आपत्ति मांगी जाती है

आपत्ति आई तो जोनल अधिकारी सुनवाई करते हैं

सुनवाई के बाद जिसका पक्ष मजबूत होता है, उसका नाम दर्ज करने का आदेश दिया जाता है

यदि आपत्ति नहीं आती है तो कर अधीक्षक की संस्तुति पर दाखिल खारिज की कार्रवाई पूरी होती है

हर रोज दो-चार मामले पांचों जोन के आते रहते हैं। नाम परिवर्तन में हेर-फेर का बहुत पुराना खेल है। शहर के सैकड़ों लोग परेशान हैं। कुछ दिनों पहले फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी कर नाम परिवर्तन का मामला सामने आया था, जिसमें कार्रवाई हुई थी। दो चार मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजनी चाहिए। ताकि बेलगाम कर्मचारियों पर लगाम लग सके। प्रशासनिक अधिकारियों से कार्रवाई के लिए बात की जाएगी।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

Posted By: Inextlive