- गेट लगाने से समाप्त हो रहे निकलने के रास्ते

- कॉलोनियों में गेट लगाकर बंद करने का नहीं है प्रावधान

- विकास प्राधिकरण द्वारा गेट बंद कॉलोनी की नहीं दी जाती परमीशन

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न्द्दक्त्रन्। आने वाले समय में आपको अपने ही गली-मोहल्ले से निकलने के लिए जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि सिटी में गेट बंद कॉलोनियों की तादाद बढ़ती जा रही है। अगर इसी तरह लोग सड़कों पर गेट लगाते रहे तो, भविष्य में सिटी की सभी अंदरूनी गलियां बंद हो जाएंगी, जिससे कि मेन सड़कों पर भारी भरकम ट्रैफिक बढ़ जाएगा। अंदरूनी रास्ते खुले होने से शहर का ट्रैफिक डायवर्ट हो जाता है, जिससे कि जाम की समस्या कम हो जाती है।

गेट लगाने की परमीशन नहीं देता प्राधिकरण

कॉलोनी बनाने की परमीशन तो विकास प्राधिकरण दे देता है, लेकिन कॉलोनी को कवर्ड करने के लिए गेट लगाने की परमीशन विकास प्राधिकरण नहीं देता है। कॉलोनाइजर्स अपनी मनमानी करते हुए कॉलोनी में गेट लगाकर उस पर अपना कब्जा कर लेते हैं।

मोस्टली कॉलोनियां हैं गेट बंद

सिटी की मोस्टली कॉलोनियों को डेवलपर्स द्वारा गेट बंद बनाया गया है। किसी भी कॉलोनी को बंद करने के लिए विकास प्राधिकरण से परमीशन नहीं ली गई जो न्यायोचित नहीं है। विकास प्राधिकरण में अभी तक किसी भी कॉलोनाइजर ने कॉलोनी बंद करने के लिए गेट लगाने की परमीशन नहीं मांगी है, जबकि वर्तमान में मोस्टली कॉलोनी गेट बंद ही हैं।

किसने दी परमीशन

कॉलोनी को बंद करने की परमीशन आखिर किसने दी, यह सबसे बड़ा प्रश्न है, जबकि एडीए के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी भी कॉलोनाइजर ने गेट लगाने की परमीशन के लिए एडीए में लैटर नहीं दिया है, सत्यता तो यह है कि एडीए के अधिकारियों को भी गेट बंद कराने की परमीशन नहीं है।

जमकर उड़ाई गई धज्जियां

कॉलोनियों में गेट लगाकर सरेआम विकास प्राधिकरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन इसके बाद भी विकास प्राधिकरण द्वारा कोई ठोस एक्शन कॉलोनाइजर्स द्वारा नहीं लिया जा रहा है, यही कारण है कि कॉलोनाइजर्स द्वारा कंटीन्यू कॉलोनियों को गेट लगाकर बंद किया जा रहा है।

हो सकता है जुर्माना

यदि एडीए चाहे तो कॉलोनी को बंद करने वाले कॉलोनाइजर पर 500 रुपये पर मकान के हिसाब से जुर्माना ठोंक सकता है, साथ ही गेट बंद कॉलोनी के गेट को उखड़वा भी सकता है लेकिन सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए एडीए प्रशासन देखने के बाद भी इसे अनदेखी कर देता है।

खुली होनी चाहिए सड़कें

सिटी में बनाई जाने वाली कॉलोनी का मार्ग खुला हुआ होना चाहिए, क्योंकि प्राधिकरण का मानना है कि आपातकालीन स्थिति में लोग निकलने के लिए विकल्प तलाशते हैं जो उन्हें कॉलोनियों की रोड के रूप में मिल जाता है, जब कॉलोनी को गेट बंद कर दिया जाएगा तो वह कहां होकर निकलेंगे।

गेट बंद कॉलोनी, मानो खूब कमाई

कॉलोनाइजर्स गेट बंद कॉलोनी के नाम पर जमकर मोटी कमाई करते हैं ताकि अधिक से अधिक परचेज करने वाले उनसे संपर्क करें और उनकी खूब कमाई हो।

गेट बंद कॉलोनी बनाए जाने का कोई प्रावधान प्राधिकरण में नहीं है, कई बार लोगों द्वारा कंपलेन करने पर गेटों को तुड़वाया भी गया है।

इश्ति्याक अहमद टाउन प्लानर

अभी तक कोई भी कॉलोनाइजर गेट बंद कॉलोनी के लिए नहीं आया है, सुरक्षा को देखते हुए लोग गेट लगा लेते हैं हालांकि प्राधिकरण इसकी अनुमति नहीं देता है।

रवीन्द्र कुमार एडीए सचिव

सिक्योरिटी को लेकर गेट लगाए जाते हैं, यह कोई गलत नहीं है। गेट लगने के बाद लोग अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।

संतोष कटारा नालंदा बिल्डर्स

सेफ्टी सबसे पहला मुद्दा है, गेट बंद कॉलोनी के अंदर रहने वाले लोग अपने व्हीकल पार्क करते हैं। यदि रोड पर जाम लगता है तो वह इतने मायने नहीं रखता जितनी कि सुरक्षा।

निखिल गनपति बिल्डर्स

पब्लिक की सुरक्षा के लिए गेट बहुत जरूरी है, हमारा उद्देश्य भी लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। इसके लिए हम लोग कॉलोनी के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगवाते हैं ताकि कोई अपराधी अंदर एंट्री न कर सके।

भगत सिंह बघेल भावना बिल्डर

Posted By: Inextlive