Allahabad: आईईआरटी में चल रही रैगिंग की जांच का जिम्मा खुद जीबीटीयू गौतम बुद्ध टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने संभाल लिया है. यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई नॉमिनेटेड कमेटी के मेंबर्स ने ट्यूजडे को जूनियर्स से अकेले में बयान लिया. आई नेक्स्ट द्वारा रैगिंग के खुलासे के बाद जीबीटीयू ने इस प्रकरण को हाथों हाथ लेते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट यूनिवर्सिटी को सौंप देगी.

 

भनक लगते ही लिया actionकैंपस में आई नेक्स्ट द्वारा रैगिंग के खुलासे की भनक जीबीटीयू को भी लग चुकी है। उसने फटाफट एक्शन लेते हुए अपना दो सदस्यीय कमेटी आईईआरटी भेजा है। कमेटी ने ट्यूजडे को दिनभर जूनियर्स का बयान कलमबद्ध किया। काउंसिलिंग रूम में एक-एक करके जूनियर्स को कमेटी के पास भेजा गया। इस दौरान इंस्टीट्यूट के चीफ प्रॉक्टर और डायरेक्टर को भी शामिल नहीं किया गया। कमेटी में शामिल यूटीआई के चीफ प्रॉक्टर अंशु तिवारी और एसपी शुक्ला शामिल रहे। हालांकि इस दौरान कैंपस में पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। सीनियर्स भी सहमे रहे। यूनिवर्सिटी की ओर से यूटीआई के चेयरमैन डॉ। जगदीश गुलाटी ने दोनों मेंबर्स को अप्वाइंट किया है। कमेटी बयान को गोपनीय तरीके से जीबीटीयू के सामने पेश करेगी और इसके आधार पर ही एक्शन लिया जाएगा. 

बनवाए गए नए banners

रैगिंग क्या है और रैगिंग करते पाए जाने पर कौन-कौन से पनिशमेंट मिल सकते हैं, स्टूडेंट्स को इसकी जानकारी आईईआरटी देने जा रहा है। इसके लिए प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने एक दर्जन से अधिक नए बैनर-पोस्टर बनवाए हैं। इनको कैंपस के अलग-अलग जगहों पर लगवाया जा रहा है। बता दें कि कैंपस में लगे पुराने बैनर-पोस्टर जर्जर हो चुके थे। इनमें लिखी इंफॉर्मेशन भी पढऩे में नहीं आ रही थी। यही कारण था कि अवेयरनेस नहीं होने की वजह से रैगिंग की घटनाएं हो रही थीं। फिर चाहे वह डिप्लोमा कोर्स में सिर मुंडवाना हो या बीटेक कोर्स में बेल्ट व टाई उतरवाना। इंस्टीट्यूट एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स को अवेयर कर उनके मन में रैगिंग के प्रति भय पैदा करने की कोशिश में लगा है. 

अब और बदनामी बर्दाश्त नहीं 

लगातार रैगिंग के खुलासे से तंग आए आईईआरटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अब सीनियर्स से सीधे बात करने का मन बना लिया है। वेडनसडे को चीफ प्रॉक्टर खुद सीनियर्स से क्लास में जाकर इंटरेक्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनको रैगिंग से होने वाले निष्कासन और एफआईआर की जानकारी दी जाएगी। अगर भविष्य में वह नहीं मानें तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन पर जूनियर्स के साथ किसी भी तरह के इंटरेक्शन पर रोक लगाई जाएगी. 

औरों से अलग दिखना मंजूर नहीं

इतना ही नहीं डिप्लोमा कोर्स में बाल मुंडवाए जाने की परंपरा को भी जड़ से खत्म किया जा रहा है। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने सीधे तौर पर जूनियर्स को दोबारा बाल न कटवाने की हिदायत दी है। अगर उन्होंने बिना किसी वाजिब कारण के ऐसा किया तो उनसे पूछताछ की जाएगी। उनकी इस अलग पहचान को खत्म किया जाएगा। बता दें कि रैगिंग के तहत फस्र्ट ईयर जूनियर्स केा सालभर बड़े बाल रखने की इजाजत नहीं है। इस दौरान उन्हें छोटे बाल ही रखने होंगे। यही कारण था कि क्लास के पहले दिन ही सैकड़ों स्टूडेंट बाल मुंडवाकर कैंपस पहुंचे थे. 

जीबीटीयू की ओर से नामित समिति ने फस्र्ट ईयर के स्टूडेंट्स का बयान लिया है। यह समिति रैगिंग के मामले की छानबीन करने आई है। हमारी ओर से भी इंस्टीट्यूट के माहौल को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। अब किसी भी तरह की रैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर ऐसा करते कोई पाया गया तो बिना किसी सुनवाई के निष्कासन और एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। वेडनसडे को इसकी सूचना सीनियर्स को भी दी जाएगी. 

डॉ। विक्रम सिंह, चीफ प्रॉक्टर, आईईआरटी


 

Posted By: Inextlive