फुटबॉल की दुनिया में भले ही नेमार मेसी और रोड्रिगेज जैसे स्ट्राइकर ही हेडलाइन बनाते हैं लेकिन सच तो ये है कि इस फीफा वर्ल्ड कप में गोलकीपर्स रियल बनकर उभरे हैं.


डिफेंस के डायनेमो हैं ये गोलकीपर्सयह वर्ल्ड कप जितना मेसी, नेमार और रोड्रिगेज के खूबसूरत गोल के लिए याद किया जाएगा, उतना ही टिम हावर्ड, गिएरमो ओचोवा, कीलोर नवास की शानदार गोलकीपिंग के लिए भी. कई मौकों पर कमतर टीम के बेहतर गोलकीपर्स ने अपनी टीम को मैच और टूर्नामेंट में बनाए रखा है. इस वर्ल्ड कप से फुटबॉल में गोलकीपरों की फुर्ती और शानदार डिफेंस के कई किस्से जुड़ गए हैं.  ऐसे ही शानदार डिफेंस के किस्सों और वंडरफुल गोलकीपर्स के बारे में हम आपको बता रहे हैं-टिम हावर्ड : सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस
अमेरिका की फुटबॉल में न कुछ जैसी हैसियत को इस वर्ल्ड कप में नई बुलंदी दी उसके 35 साल के गोलकीपर टिम हावर्ड ने. उन्होंने दमदार बेल्जियन टीम के हमलों का प्री क्वॉर्टर फाइनल में जिस दिलेरी से बचाव किया. उनके शानदार पर्फार्मेंस के लिए अमेरिका के लोगों ने उन्हें 'सेक्रेटरी ऑफ डिफेंस' के निकनेम से नवाजा है. अमेरिकी टीम बेल्जियम से एक्स्ट्रा टाइम में 2-1 से मुकाबला जरूर हार गई, लेकिन हावर्ड ने सबका दिल जीत लिया. बढ़ती उम्र के बावजूद शानदा 16 अटैक कामयाबी से झेल कर उन्होंने फुटबॉल की किताब में अपना नाम दर्ज कर लिया. गिएरमो अचोवा


कर्ली बालों वाले क्यूट से दिखने वाले मैक्सिकन गोलकीपर अचोवा ने यह साबित किया कि अकेले गोलकीपिंग से टीम को फ्रंट फुट पर लाया जा सकता है. ब्राजील के खिलाफ ग्रुप मैच में उन्होंने पॉइंट ब्लैंक की दूरी से बचाव कर हिम्मत और हुनर का जैसा मेल दिखाया, उसने मैक्सिको के लिए प्री-क्वॉर्टर फाइनल की राह आसान कर दी. 28 साल के अचोवा की टीम भले प्री-क्वॉटर फाइनल मे नीदरलैंड्स से हार कर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई, लेकिन गेंद अचोवा को छकाकर 4 मैचों में गोलपोस्ट के अंतर सिर्फ 3 दफा ही जा सकी.कीलोर नवास

किसी को उम्मीद ही नहीं थीं कि कोस्टारिका वर्ल्ड कप के फाइनल 8 में पहुंच जाएगी. लेकिन इस सोच के लिए गुंजाइश पैदा करने में जितना एकजुट होकर खेल रही कोस्टारिका की टीम जिम्मेदार है, उतना ही उसकी गोलपोस्ट पर किसी नवाब की तरह काबिज कीलोर नवास भी. ग्रुप मैचों में टीम के लिए सिर्फ एक गोल खाने वाले नवास ने जब प्री क्वॉर्टर फाइनल में रुतबे और रैंकिंग में मजबूत ग्रीस का सामना किया, तो अपनी जांबाजी से नवास ने यह मैच ग्रीस के हाथ से छीन लिया. येलो कार्ड और इंजरी के बावजूद नवास ने पेनल्टी शूटआउट तक टीम की बागडोर अपने हाथ में थामे रखी और नवाबी ठाठ से टीम को क्वॉर्टर फाइनल में ले गए.जूलियो सेजारब्राजील अगर इस वर्ल्ड कप में क्वॉर्टर फाइनल में पहुंच पाई है , तो इसके लिए उसे अपने 34 साल के गोलकीपर सेजार के हिफाजती हाथों का शुक्रगुजार होना चाहिए. ब्राजीलियन डिफेंस की कमजोरी को ताड़ कर प्री - क्वॉर्टर फाइनल के अहम मुकाबले में एक्सपीरिएंस्ड सेजार ने चिली के लड़ाकों को एक्स्ट्रा टाइम तक गोल के लिए तरसाया. जब मामला अकेले सेजार पर आ टिका , तो जुनूनी फैंस और देश की उम्मीदों का दबाव झेलते हुए सेजार ने पेनल्टी शूटआउट में एक बार फिर बेहतरीन बचाव कर चिली को मायूस कर दिया.विंसेट एनिएमानाइजीरियन टीम के एवरेज खेल को उसके गोलकीपर विन्सेंट एनिएमा ने अपने बूते ढंक लिया. एनिएमा न सिर्फ टीम को बचा-बचा कर प्री-क्वॉर्टर फाइनल तक ले गए , बल्कि वहां वर्ल्ड कप जीतने की दावेदार मानी जा रही फ्रेंच टीम को उन्होंने अकेले दम 79 मिनट तक गोल के लिए तरसाया. नाइजीरिया उनके इस पर्फार्मेंस के बावजूद गेम नहीं जीत पाई  लेकिन दुनिया ने देखा कि एनिएमा ने हमलावर हवा का रुख कैसे मोड़ा.

Posted By: Shweta Mishra