आप कितने भी काबिल हो जाएं जरूरी नहीं कि आपका सम्‍मान किया ही जाए. यदि आपमें विनम्रता नहीं है तो कभी भी आपकी योग्‍यता का माखौल बन सकता है. नई-नई नौकरी पर लगे एक मैनेजर की कहानी ही ले लीजिए जनाब अपनी योग्‍यता के दम पर पहली ही नौकरी में ऊंची सैलरी केबिन सेक्रेटरी सब कुछ पा गए. लेकिन विनम्रता के अभाव में वे एक मामूली से टेलीफोन मैकेनिक के सामने उनका पानी उतर गया... पढि़ए विनम्रता के बिना योग्‍यता का हाल...


योग्यता ने दिलाया रुतबाएमबीए पासआउट होते ही कैंपस सेलेक्शन में रोहित तो एक मल्टी नेशनल कंपनी में मैनेजर की जॉब मिल गई. ज्वाइनिंग के बाद सबसे उसका परिचय कराया गया. उसे उसका केबिन दिखाया गया और सेक्रेटरी से भी मिला दिया गया. सीधे कॉलेज से काम का पहला दिन और वो भी इतना रुतबे से भरा. अपने केबिन में बैठते ही वह सपनों में खो गया. तभी ऑफिस का एक कर्मचारी अंदर आया और मुस्कुराकर रहस्यमय अंदाज में बोला, 'सर एक अप्वाइंटमेंट है.' उसने कांच के पारदर्शी केबिन से बाहर देखा एक साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति बाहर खड़ा था. उसने रौबदार आवाज में कहा, 'वेट करने को बोलो.' इसके साथ ही वह बिजी दिखने के लिए कंपनी के इंट्रोडक्शन फाइल के पन्ने पलटने लगा.केबिन और सेक्रेटरी की धौंस


पहला दिन होने के कारण उसके पास काम तो था नहीं. मिलने के बाद आज उससे ऑफिस के माहौल और कामकाज जानने समझने के लिए कहा गया था. लेकिन क्लासरूम की एक बेंच से एकाएक एक प्राइवेट केबिन और सेक्रेटरी वाली जॉब का उस पर नशा सवार हो गया था. आधे घंटे तक उसने बाहर व्यक्ति को वेट कराया. इस बार केबिन में उसकी सेक्रेटरी आकर बोली, 'सर बाहर एक आदमी वेट कर रहा है. उसे बहुत जरूरी काम है.' फोन उठाते हुए उसने उसी रौब भरी आवाज में इशारे से उसे अंदर भेजने को कहा. सेक्रेटरी बाहर गई और वह व्यक्ति धीरे से दरवाजा खोलकर अंदर आया और एक ओर खड़ा हो गया. मैनेजर फोन पर किसी को अपने केबिन, सेक्रेटरी, काम का प्रेशर वगैरह के बारे में बता रहा था. इस दौरान वह उस व्यक्ति की तरफ न देखकर इधर-उधर देख रहा था.और पानी-पानी हो गई योग्यता

वह फोन पर डींगें हांकता रहा और वह व्यक्ति उसकी ओर कातर निगाहों से उसे देखता चुपचाप खड़ा सुनता रहा. करीब 15 मिनट बाद उसने फोन रखा और उसकी ओर पेन से इशारा करते हुए पूछा. इशारा पाते ही वह व्यक्ति बड़ी विनम्रता से बोला, 'साहब मैं फोन ठीक करने वाला मैकेनिक हूं. मुझे बताया गया था कि यह फोन पिछले एक सप्ताह से खराब है. मैं इसे यहां रिपेयर करने आया था. बस.' अब मैनेजर को काटो तो खून नहीं. इशारे वाला पेन... उसकी कुर्सी पर बैठने का अंदाज... उसका सारा ढोंग... उसकी सारी योग्यता का पानी उतर चुका था. शर्म से पानी-पानी वह चुपचाप उठा आर वहां से बाहर निकल गया... उसे अहसास हो चुका था कि विनम्रता के बिना योग्यता हमें अपनी नजर में गिरा सकती है...

Posted By: Satyendra Kumar Singh