बेशक देश के कई हिस्सों में बारिश अच्छी रही है और काफी हुई है। इसके बाद अल नीनों के प्रभाव के घटने और मानसून के बेहतर रहने की बातें भी कही गयी हैं। लेकिन जून के महीने की अब तक रुझान को देखें तो तेज बारिश के बावजूद मानसून को बेहतर नहीं कहा जा सकता।


देश के कई हिस्सों में मानसून की राह देख रहे लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। इसकी वजह है मानसून का धीमा पड़ना और पिछले पांच दिन से रुका रहना। मौसम विभाग के अनुसार  लगातार पांचवें दिन मानसून की उत्तरी सीमा में प्रगति नहीं देखी गई। यह अभी वेरावल, सूरत, उज्जैन, नरसिंहपुर, रायपुर, कलिंगपटनम, कृष्णानगर और दार्जिलिंग से ही गुजर रहा है।


बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवात की स्थिति बन रही है। चक्रवात के बाद ही मानसून के उत्तर की ओर बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून के धीमा पड़ने के कुछ दौर आते हैं। हालांकि इसके अगले सप्ताह फिर सक्रिय होने की उम्मीद है। निजी एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, आमतौर पर मानसून 10 जून तक बिहार और 15 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश पहुंच जाता है किंतु फिलहाल उसके स्थिर होने से इन इलाकों में अभी और देरी होने की आशंका है।

इस बीच, मौसम विभाग की मानें तो मानसून की अब तक की प्रगति संतोषजनक कही जा सकती है। कुल मिलाकर देश में साधारण से 11 फीसद अधिक बारिश हुई है। पूर्व एवं पूर्वोत्तर और मध्य भारत में क्रमशः 16 और 13 फीसद अधिक वर्षा हुई है। दक्षिणी हिस्से में भी साधारण बारिश हुई है। लेकिन इसके साथ ये भी सच है कि उत्तर पश्चिम में साधारण से सात फीसद कम बारिश हुई है। तेजी से उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ते मानसून की रफ़्तार कम हो गयी है। अभी मानसून मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में ही अटका पड़ा है जबकि आमतौर पर 15 जून तक उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश शुरू हो जाती है।

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Posted By: Molly Seth