GORAKHPUR: दैनिक जागरण आई नेक्स्ट प्रजेंट्स 'नाईसिल गर्मी लगी क्या' कार्यक्रम शुक्रवार को हड़हवा फाटक स्थित मॉडर्न हेरिटेज पब्लिक स्कूल, असुरन स्थित प्रोग्रेसिव क्लासेज और बशारतपुर स्थित एसीआई कोचिंग सेंटर में ऑर्गनाइज हुआ। इस दौरान स्टूडेंट्स, उनके पैरेंट्स व टीचर्स ने 'शहर में लॉ एंड ऑर्डर की बहाली की स्थिति' टॉपिक पर खुलकर अपनी राय रखी। लोगों ने बदहाल कानून व्यवस्था के लिए पुलिस के साथ पब्लिक को भी जिम्मेदार ठहराया। कहा कि यदि पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाए और पब्लिक जागरूक हो जाए तो शहर में कानून का राज खुद-ब-खुद स्थापित हो जाएगा।

1.

सुबह 12 बजे

Modern Heritage Public School, Hadahwa Fatak

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार को दोपहर 12 बजे सिटी के हड़हवा फाटक स्थित मॉडर्न हेरिटेज पब्लिक स्कूल पहुंची। मौसम खराब होने के बाद भी तय समय पर टीचर्स व स्टूडेंट्स पहुंच गए थे। पहले से तय विषय पर लोगों ने अपनी राय रखनी शुरू की। सबने माना कि शहर की बदहाल कानून व्यवस्था के लिए पुलिस तो जिम्मेदार है ही, उससे अधिक जिम्मेदार है पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरी। पब्लिक को पुलिस से डर नहीं होना चाहिए बल्कि ऐसी समझ होनी चाहिए कि वह अपनी बात आसानी से रख सके। वहीं पब्लिक को भी कानून-व्यवस्था के लिए सिर्फ पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं छोड़नी चाहिए। अपने घर के अंदर की कानून व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी पैरेंट्स की ही है। जिस तरह बीतने दिनों लखनऊ में हुए एनकाउंटर के बाद एक पिता को पता चला कि उसका बेटा आतंकवादी है, वह गंभीर स्थिति है। पब्लिक को जागरूक होना होगा कि उनके बच्चे सही राह में आगे बढ़ें, वे भटके नहीं। इसके साथ ही अपने बच्चों को समझाना चाहिए कि वे लड़कियों के साथ कैसा बर्ताव करें। छेड़खानी की घटनाएं रोकना भी सिर्फ पुलिस पर नहीं छोड़ना चाहिए। अपने घर के लड़कों को संस्कार दिया जाना चाहिए।

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2.

टाइम 1.30 बजे

Progressive Classes, Asuran Chowk

मॉडर्न हेरिटेल पब्लिक स्कूल से निकलकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम असुरन चौक स्थित प्रोग्रेसिव क्लासेज पहुंची। यहां भी पहले से ही स्टूडेंट्स व टीचर्स डिबेट में शामिल होने के लिए तैयार बैठे थे। टीम के पहुंचते ही करीब 30 की संख्या में मौजूद लोगों ने एक-एक कर अपनी बात रखनी शुरू कर दी। ग‌र्ल्स ने महिला सुरक्षा से संबंधित सवाल उठाए। कहा कि बात महिला सशक्तीकरण की हो रही है लेकिन शाम के बाद आज भी घर से निकलने में डर लगता है। पैरेंट्स को अपने घर के लड़के को समझाना चाहिए कि वह गलत हरकत न करें तो पुलिस को भी इस तरह के मामलों में सख्ती से पेश आना चाहिए। वहीं रोड पर एक्सीडेंट के बाद की स्थिति पर भी लोगों ने अपनी बात रखी। कहा कि एक्सीडेंट के दौरान लोग अपनी आखिरी सांस गिन रहे होते हैं लेकिन पुलिस द्वारा परेशान किए जाने के डर से लोग उनकी मदद नहीं करते। वहीं आंखों के सामने हो रही वारदात को देखकर भी लोग कुछ नहीं बोलते। वारदात के समय जितना डर अपराधियों से होता है, उसके बाद उतना ही डर पुलिस द्वारा परेशान किए जाने का होता है। इसलिए वारदात में पीडि़त को पब्लिक की मदद नहीं मिल पाती। अगर पुलिस पब्लिक को बेवजह परेशान न करें तो इससे वारदात में कमी आएगी। कुछ की राय रही कि यूपी पुलिस 100 की गाड़ी की जगह अपाची दस्ता ज्यादा बेहतर था जो जाम की स्थिति में तय समय पर पहुंच जाता था।

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3.

टाइम: शाम 4.30 बजे

ACI Coaching Center, Basharatpur

प्रोग्रेसिव क्लासेज से निकलकर टीम बशारतपुर स्थित एसीआई कोचिंग सेंटर पर पहुंची। यहां भी 20-25 लोग डिबेट के इंतजार में बैठे हुए थे। खास बात यह रही कि यहां स्टूडेंट्स, टीचर्स के साथ व्यापारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपनी बात रखने के लिए सामने आए। यहां के लोगों ने शहर में लॉ एंड ऑर्डर के लिए अच्छे पुलिस व नेतृत्व को जरूरी बताया। कहा कि जब जिले में डीआईजी असीम अरुण थे तो उन्होंने काफी कुछ ठीक कर दिया था। उनके ट्रांसफर के बाद कई अधिकारी आए लेकिन उनका वह प्रयास नहीं दिखा जो शहर में कानून का राज स्थापित कर सके। हालांकि यहां के लोगों ने भी आपराधिक माहौल के लिए कुछ हद तक पब्लिक को भी जिम्मेदार ठहराया। कहा कि अगर पब्लिक जागरूक होगी तो कानून के रखवालों को काम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लोगों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर प्रशासन की ओर से भी लगातार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं तो लोगों में जागरूकता बढ़ेगी। साथ ही समाज को भी बदलना होगा। समाज की सोच बेहतर होगी तो शहर का माहौल भी बेहतर होगा।

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सिस्टम में बदलाव के लिए पहले हमें खुद को बदलना होगा। अगर पब्लिक में सिविक सेंस और जागरूकता हो तो काफी कुछ अच्छा हो सकता है। रही बात पुलिसिंग की तो पुलिस को अपराध रोकने से पहले अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा। तभी वह आम पब्लिक के बीच अपनी इमेज बना सकेगी।

कृष्ण कुमार, डायरेक्टर, मॉडर्न हेरिटेज पब्लिक स्कूल

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पुलिस को अपने काम में परिवर्तन लाने की जरूरत है, तभी कानून व्यवस्था बेहतर हो सकेगी। साथ ही पब्लिक को भी जागरूक होना पड़ेगा। नियम तो पहले से ही काफी हैं लेकिन उनका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा। यदि सही ढंग से पालन हो तो काफी कुछ बदला जा सकता है।

ज्योति काशवानी, कोआर्डिनेटर

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बेहतर कानून व्यवस्था के लिए सबसे पहले पुलिस को जनता का मित्र बनना होगा। क्योंकि पुलिस अपने व्यवहार से पब्लिक के बीच अपनी बुरी छवि बना चुकी है। यही वजह है कि लोग पुलिस से दूरी बनाते हैं। इससे कई बार हमारे सामने ही अपराध होते हैं और हम चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते।

श्याम सुंदर, डायरेक्टर, प्रोग्रेसिव क्लासेज

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सभी चीजों के लिए सिर्फ पुलिस को जिम्मेदार ठहराना कहीं से भी उचित नहीं होगा। क्योंकि यह संभव नहीं है कि पुलिस हर एक व्यक्ति पर नजर रखे। इसके लिए पुलिस के साथ पब्लिक की भी उतनी ही जिम्मेदारी है। जिस दिन पब्लिक अपनी जिम्मेदारी निभाने लगे, पुलिस भी सही हो जाएगी।

अशरफ अली, पार्षद

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बेहतर कानून और पुलिसिंग के लिए अवेयरनेस की काफी जरूरत है। सबसे पहले पुलिस प्रशासन को पब्लिक के बीच जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। इससे लोगों में जागरूकता तो बढ़ेगी ही साथ ही पुलिस व पब्लिक के बीच की दूरी भी काम होगी।

ई। हेमेंद्र सिंह, डायरेक्टर, एसीआई कोचिंग सेंटर

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यह बात आई सामने-

- कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए पुलिस को पब्लिक के बीच अपनी छवि सुधारनी होगी।

- भयमुक्त समाज के लिए पब्लिक को जागरूक होना पड़ेगा। तभी क्राइम पर कंट्रोल हो सकता है।

- पुलिस प्रशासन को जागरूकता अभियान चलाना चाहिए ताकि लोगों को नियम-कानून की जानकारी हो।

- बुरी छवि के कारण पब्लिक नहीं करती पुलिस की मदद।

Posted By: Inextlive