भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्‍त कराने में फ्रीडम फाइटर्स का अहम रोल रहा है। स्‍वतंत्रता संग्राम में आगे आकर देश के नागरिक की जिम्‍मेदारी संभालते हुए इन फ्रीडम फाइटर्स ने अपनी जान तक गंवा दी। लेकिन आजादी मिलते ही इन्‍हें कब दरिकनार कर दिया गया पता ही नहीं चला। इसी तरह एक फ्रीडम फाइटर 'गौर हरी' की दास्‍तांन सुनाने आ रहे हैं निर्देशक अनंत महादेवन.....

संघर्ष की कहानी
अनंत महादेवन के निर्देशन में बनी फिल्‍म गौर हरी दास्तान- द फ्रीडम फाइल एक सच्‍ची घटना पर आधारित फिल्‍म है। जिसमें स्‍वतंत्रता सेनानी गौर हरी के संघर्ष की दास्‍तान है। करीब 32 सालों तक चले लंबे संघर्ष के बाद स्‍वतंत्रता सेनानी का प्रमाण पत्र मिलना आश्‍चर्य से कम नहीं है। 85 साल के गौर हरी पांच साल तक स्‍वतंत्रता आंदोलन का हिस्‍सा रहे। उस समय वे चोरी-छिपे स्‍वतंत्रता संग्राम से जुड़े साहित्‍य और संदेश लोगों तक पहुंचाया करते थे। लेकिन जब उन्‍होंने अपनी पहचान पाना चाही, तो अंग्रेजों के बाद उनकी अपनों से लड़ाई शुरु हो गई। जी हां दरअसल गौर हरी के बेटे को इंजीनियरिंग में दाखिला चाहिए था और उसके लिए उन्‍हें स्‍वतंत्रता सेनानी के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ी, लेकिन यह प्रमाण पत्र इतने सालों बाद मिलेगा यह किसी से नहीं सोचा था।


कभी नहीं दिया धरना

1976 में आवदेन करने वाले गौर हरि को 2009 में इसका प्रमाण पत्र मिला। हालांकि इस दौरान उन्‍होंने न कभी नारेबाजी की, न कभी धरना दिया। वो तो बस एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक फाइलें लेकर भटकते रहे। ऐसे में अनंत महादेवन ने गौर हरी के संघर्षो को फिल्‍म की शक्‍ल में ढालने की कोशिश की है। जोकि 14 अगस्‍त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। महादेवन बताते हैं कि, तीस साल से अधिक अपने सिद्धांतों पर कायम रहते हुए अपनों से लड़ना आसान न था। फाइल लेकर दफ्तरों में भटकना गौर हरी की इच्‍छाशक्‍ित का जीता जागता प्रमाण है। इसीलिए फिल्‍म का नाम फ्रीडम फाइल रखा गया। आपको बता दें कि इस फिल्‍म में विनय पाठक लीड रोल में होंगे, जबकि उनके अलावा कोंकणा सेन शर्मा भी होंगी।

Hindi News from Bollywood News Desk

 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari