रेस्‍टोरेंट और होटल में जाने वाले ग्राहकों के लिए खुशखबरी। सरकार ने साफ किया है कि इनके खाने के बिल में लगने वाला सेवा शुल्क अनिवार्य नहीं है। यानी कि अगर आपको होटल या रेस्‍टोरेंट की सर्विस पसंद नहीं आई तो सर्विस चार्ज को बिल से हटाने के लिए कह सकते हैं।

ग्राहक की चलेगी मर्जी
अमूमन बड़े होटल और रेस्टोरेंट के खाने के बिलों में सर्विस चार्ज भी जुड़ा होता है। अब से रेस्टोरेंट या होटल जाएं तो इस बात पर जरूर ध्यान दें। केंद्र सरकार ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि होटल और रेस्टोरेंट में सेवा शुल्क के बारे में यह जानकारी सूचनापट पर डिस्प्ले की गई हो। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बाबत एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि ग्राहकों से 'सर्विस चार्ज' वसूलने के संबंध में कई शिकायतें मिली हैं। इसे टिप्स के एवज में 5 से 20 फीसद की रेंज में लिया जाता है। सेवा कैसी भी दी हो, होटल और रेस्टोरेंट इसे उपभोक्ता से जबरन वसूल लेते हैं।

Restaruants are billing service charges in addition to taxes. Service charge is optional . Consumer has a discretion to pay or not.

— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) 2 January 2017


जबरदस्ती नहीं वसूल सकते
मंत्रालय ने होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से इसको लेकर जवाब मांगा था। एसोसिएशन ने सफाई देते हुए मंत्रालय को बताया है कि सर्विस चार्ज पूरी तरह ग्राहकों के विवेक पर निर्भर है। खाने से असंतुष्ट होने पर वे बिल से इस शुल्क को हटवा सकते हैं। लिहाजा यह माना जाना चाहिए कि ग्राहक की स्वेच्छा से ही इसे ले सकते हैं। उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 के प्रावधानों को रेखांकित करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि अगर किसी कंज्यूमर को अनुचित ढंग से पैसा देने के लिए मजबूर किया जाता है तो वह इसकी शिकायत कंज्यूमर फोरम से कर सकता है। देश में ज्यादातर ग्राहकों को इस बात की जानकारी नहीं है कि सर्विस चार्ज देने या नहीं देने का विकल्प उसके पास होता है। लिहाजा उन्हें रेस्टोरेंट से इसके बारे में पूछना चाहिए।

रेस्टोरेंट बॉडी हुई नाखुश
नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि अगर ग्राहक रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज नहीं देना चाहते तो वो वहां खाना भी ना खाएं। रेस्टोरेंट बॉडी के अनुसार सर्विस चार्ज एक आम और अपनाई हुई प्रेक्टिस थी जिसे विभिन्न सरकारी विभागों से मान्यता थी। रेस्टोरेंट बॉडी के अध्यक्ष रियाज अमलानी ने इस मामले में कहा कि कानून के तहत ग्राहकों से जबरन पैसा वसूलना गलत है लेकिन जो सर्विस चार्ज लगाया जाता है वो मेन्यू में दर्शाया जाता है। इस चार्ज उस स्टाफ में बांटा जाता है जो सर्विस देता है।
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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari