केंद्र सरकार किसानों को एक तोहफा देने की कोशिश कर रही है। जिसके चलते गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में मंत्रियों ने वित्त मंत्री से नई फसल बीमा योजना के बारे में चर्चा की। ऐसे में अगर यह योजना लागू होती है तो प्रीमियम शुल्‍क घटकर तीन फीसदी होने के साथ फसलों के लिए अधिकतम कवरेज मिलने लगेगा।


बीमा भुगतान यथासंभव कमजानकारी के मुताबिक कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में कुछ मंत्रियों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बैठक की। बैठक में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते आदि मौजूद थे। सूत्रों की मानें तो मंत्रियों ने फसल बीमा प्रीमियम को मौजूदा स्तर से घटाकर पांच फीसदी से नीचे लाने की बात कही है। इसके अलावा किसानों को बीमा भुगतान यथासंभव कम से कम समय में सुनिश्चित करने पर चर्चा की। इस दौरान मंत्री समूह ने नई फसल बीमा योजना पर कृषि मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित ब्यौरे पर का जिक्र किया। मंत्रियों ने मौजूदा फसल बीमा योजनाओं राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) पर विचार विमर्श किया। प्रीमियम के रूप में लेती
मंत्रियों कहना था कि कि बीमा कंपनियां औसतन फसल के मूल्य का 1-20 फीसदी राशि प्रीमियम के रूप में लेती हैं। ऐसे में  किसान को एनएआईएस और एमएनएआईएस में बीमा कंपनियों की ओर कुल प्रीमियम में से क्रमश: 3.5 फीसदी और आठ फीसदी का भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा की शेष राशि सरकार वहन करती है। इतना ही नहीं इस दौरान किसानों के हित से जुड़े और कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर सरकार इस नई फसल बीमा योजना को लागू करेगी तो किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। हालांकि अभी सरकार की ओर से इस दिशा में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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Posted By: Shweta Mishra