गुजरात सरकार ने एक अहम फैसले में आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने की घोषणा की है। इस सिलसिले में 1 मई को अधिसूचना जारी की जाएगी। गुजरात सरकार के मंत्री विजय रुपानी ने कहा कि पाटीदार समुदाय में आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण का फायदा उन परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है।


चुनौती तक दे डालीसरकार के इस कवायद को पाटीदार आंदोलन को रोकने की दिशा में भी देखा जा रहा है। पाटीदार आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल ने मांग की थी कि सरकार को पाटीदार समुदाय की तरक्की से कोई लेना-देना नहीं है। इस सिलिसले में पिछले साल उन्होंने अहमदाबाद में एक बड़ी रैली की थी। और गुजरात सरकार को सीधे सीधे चुनौती तक दे डाली थी। हार्दिक पटेल को सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे मामले में गिरफ्तार किया गया और रासूका लगाया गय़ा।गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में बेहतरीन कामयाबी नहीं मिलने के बाद भाजपा के रणनीतिकारों में बेचैनी थी। ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के बाद इस बात की भी आशंका थी कि कहीं पाटीदार समुदाय से जुड़े लोग भाजपा से दूर न चले जाए। नाराजगी को दूर
जानकारों का कहना है कि सरकार के इस कदम से पाटीदार समुदाय की नाराजगी को दूर किया जा सकेगा। गुजरात की राजनीति में पाटीदारों का अहम रोल है।पाटीदार नेता हार्दिक पटेल 9 माह से पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। पिछले 6 महीने से वे राजद्रोह के आरोप में सूरत की लाजपोर जेल में बंद हैं। हार्दिक के साथ राजद्रोह मामले में फंसे उनके चार साथी चिराग पटेल, दिनेश बामणिया, केतन पटेल, विपुल को अदालत से जमानत मिल गई है तथा अगले सप्तानह हार्दिक की जमानत पर भी सुनवाई है। राज्य सरकार ने पाटीदार नेताओं की जमानत का विरोध नहीं करने का फैसला किया है ताकि इनकी आसानी से जमानत हो सके। उधर सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल ने कहा है कि वे सरकार की घोषणा की समीक्षा करेंगे कि इससे पाटीदार समाज को कितना लाभ होता है।

inextlive from Business News Desk

Posted By: Shweta Mishra