गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणपति की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करने से समृद्धि और खुशी मिलती है। आइए आप भी घर पर गणपति स्थापना के वक्त इन मंत्रों का जाप करें ताकि सभी कष्ट रहेंगे दूर।

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। भारतीय पौराणिक कथाओं में भगवान गणेश को 'विघ्न हर्ता' के रूप में पूजा जाता है, जिसका अर्थ है एक भगवान जो सभी बाधाओं और समस्याओं को दूर करता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर, लोग घर पर भगवान गणेश की मूर्ति लाते हैं और 10 दिनों तक पूजा करते हैं। 11 वें दिन, उन्होंने बहुत सारी आशाओं और शक्ति के साथ भगवान गणेश को पानी में विसर्जित किया जाता है। इस बार गणेश पूजा का मुहूर्त काफी शुभ है। 22 अगस्त 2020, शनिवार भाद्र पद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी "गणेश चतुर्थी" का "हस्त नक्षत्र" में आना अति शुभ है। ऐसा माना जाता है कि श्लोकों, मंत्रों और श्लोकों का जाप आध्यात्मिकता को बढ़ाता है और यह प्रार्थनाओं में अधिक भक्ति लाता है। तो, सफलता और खुशी के लिए गणपति के इन मंत्रों के बारे में जान लीजिए। साथ ही अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं दीजिए।

1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

2. गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥

3 . ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ती प्रचोदयात् ।।

4. ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय
सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा

5. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'

6. 'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari