बीएड करने वालों से लूट
कॉलेजों में मानक पूरे नहींसीसीएसयू से संबंध करीब पौने तीन सौ बीएड कॉलेज हैं। जिनमें न तो टीचर मानकों के अनुरूप हैं। न ही कॉलेज के पास ही सुविधाएं एनसीअीई के आदेशों के हिसाब से मौजूद हैं। ये बात यूनिवर्सिटी के भौतिक सत्यापन में साबित हो चुकी है कि कॉलेजों में फर्जी नाम से टीचर्स काम कर रहे हैं।फिर भी उगाही
हाल ही में खत्म हुई बीएड की काउंसलिंग के बाद अब कैंडीडेट्स कॉलेजों में पहुंच रहे हैं। जहां उनसे बीएड की सरकारी फीस के अलावा भी अतिरिक्त शुल्क मांगा जा रहा है। अगर कोई सरकारी फीस पर पढ़ाने की मांग करता है तो उसे अपना रास्ता नापने की नसीहत देकर कॉलेज के बाहर कर रास्ता दिखा दिया जाता है। या डरा दिया जाता है। छात्रों से 52 हजार की सरकारी फीस के अतिरिक्त 25 से 30 हजार रुपए तक मांगे जा रहे हैं। क्लासेज, प्रोजेक्ट, एसाइनमेंट, अटेंडेंस, प्रैक्टिकल, एग्जाम फार्म, एडमिट कार्ड, रिजल्ट, मार्कशीट, डिग्री हर बात के छात्रों की जेब तराशी जा रही है।शोषण बदस्तूर जारी
यूनिवर्सिटी में अगर कोई छात्र शिकायत करने आता भी है तो उसे एंटरटेन नहीं किया जाता। कॉलेज की तरह ही यहां पर भी वो भटक कर वापस चला जाता है। छात्र संघ बहाली से उम्मीद थी कि छात्रों का शोषण बंद हो जाएगा। लेकिन अब भी बीएड में एडमिशन लेने वाले छात्रों का शोषण बदस्तूर जारी है। छात्र संघ चुनाव के बाद आज तक एक भी छात्र नेता बीएड कॉलेजों के खिलाफ शिकायत करने कुलपति के पास नहीं पहुंचा है। कोई शिकायत नहींयूनिवर्सिटी के अधिकारियों से पूछा जाता है तो वो बिना शिकायत कार्रवाई न करने की मजबूरी जताते हैं। कुलपति ऑफिस में बीते दिनों बीएड कॉलेजों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दरअसल बीएड छात्र कालेजों की ओर से होने वाली अवैध वसूली को लेकर शिकायत करने से डरते हैं। अगर वो शिकायत करते हैैं तो उनका करियर खराब तक किया जा सकता है।'अगर किसी कॉलेज में छात्रों से अवैध वसूली हो रही है तो वो इसकी शिकायत करे। शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी.'डॉ। पीके शर्मा, प्रवक्ता सीसीएसयू