उन्नाव गैंग रेप केस

सीबीआई ने हाई कोर्ट में पेश की जांच रिपोर्ट, सुस्त जांच से हाई कोर्ट नाखुश

ALLAHABAD: उन्नाव गैंग रेप कांड की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रगति रिपोर्ट दाखिल की। जांच रिपोर्ट व सीबीआई की ढीली कार्यवाही से नाखुश हाईकोर्ट ने कहा कि हर बार कोर्ट से आदेश की अपेक्षा करने के बजाय सीबीआई अपने कानूनी अधिकारो का इस्तेमाल कर कार्यवाही करे। कोर्ट ने पीडि़ता व रिश्तेदारो का बयान न लेने पर नाराजगी प्रकट की और कहा कि पुलिस अभिरक्षा में नाबालिग लड़की के पिता की मौत के आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी क्यों नही की गयी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत पर छूटे गैंगरेप के आरोपियों की जमानत निरस्त करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी।

लखनऊ स्थानान्तरित करें पास्को केस

सीबीआई ने उन्नाव में चल रहे पॉक्सो केस के लखनऊ स्थानान्तरण की मांग में अर्जी दाखिल की जिस पर कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने पूछा कि आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व अन्य को उन्नाव जेल से लखनऊ जेल क्यों नहीं ले जाया गया। जिस पर सीबीआई के एसीपी ने एक हफ्ते में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। सुनवाई 21 मई को होगी।

सीबीआई जांच करे कहां गया पिंटू

चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ के समक्ष पीडि़ता की मां की तरफ से अर्जी दाखिल कर बताया कि मृतक पिता के विरुद्ध फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराने वाले टिंकू सिंह लापता हैं। इसमें भी विधायक का हाथ है। फर्जी प्राथमिकी दर्ज कराने वालों व टिंकू सिंह के लापता होने की भी सीबीआई जांच कराये। कोर्ट ने सीबीआई को पीडि़ता के बयान दर्ज कर हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई अपने अधिकारो का प्रयोग करे। हर बार कोर्ट से आदेश की उम्मीद न करे।

गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं आरोपित

कोर्ट ने कहा 20 जून 17 को दर्ज प्राथमिकी के आरोपी जमानत पर है। गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उनकी जमानत निरस्त करने की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही। एसीपी ने एक हफ्ते में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। कोर्ट ने कहा 15 से 20 साल से आरोपी जेल में है तो 6 माह जेल के आधार पर गैंगरेप के आरोपियों की जमानत क्यों दे दी गयी? याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता जीएस चतुर्वेदी, समित गोपाल, सीबीआई के अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश व पीडि़ता की मां की तरफ से डीआर चौधरी ने पक्ष रखा। चौधरी का कहना था कि नामित अभियुक्त मनोज सिंह सेंगर की गिरफ्तारी नहीं की गयी है।

पता लगाएं आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी प्राथमिकी के पीछे कौन

कोर्ट ने कहा कि आ‌र्म्स एक्ट की फर्जी प्राथमिकी के पीछे कौन है, इसका भी पता लगाया जाय। साथ ही पीडि़ता का बयान दर्ज कर आरोपी के हिसाब से ठोस कार्यवाही की जाय। कोर्ट ने रेप के आरोपियों की जमानत निरस्त न कराने को शाकिंग करने वाला बताते हुए सीबीआई को कानून के तहत कार्यवाही कर 15 दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। याचिका की सुनवाई 21 मई को होगी।

Posted By: Inextlive