- ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में बच्चों ने लिया क्रियायोग का प्रशिक्षण

- दूसरे दिन हाईस्कूल के स्टूडेंट्स ने सीखे योग के तरीके

ALLAHABAD: विश्व योग दिवस के आयोजन को लेकर भले ही सरकार की ओर से अभी कोई तैयारियों का आदेश जारी नहीं किया गया हो। लेकिन सिटी के स्कूल इसकी तैयारियों में जुटे गए हैं। सिविल लाइंस स्थित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में चल रहे तीन दिवसीय क्रियायोग प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन हाई स्कूल के स्टूडेंट्स को क्रियायोग की जानकारी दी गई।

बारीकियों से कराया रूबरू

क्रियायोग विशेषज्ञ ज्ञानमाता डॉ। राधा सत्यम ने स्टूडेंट्स को क्रियायोग की बारीकियों से रूबरू कराया। उन्होंने क्रियायोग के नियमित अभ्यास से होने वाले लाभ और उसका मनुष्य जीवन पर पड़ने वाले असर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कहा कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य सत्य की अनुभूति करना है। उन्होंने विश्व योग दिवस के आयोजन के बारे में भी जानकारी दी।

योग से प्राप्त होता है ज्ञान

क्रियायोग और योग में अंतर बताते हुए ज्ञानमाता ने कहा कि परमात्मा के अनंत और असीम विधान को स्वीकार करने, उसमें भक्ति बढ़ाने और उसका सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर लेने की स्थिति को योग कहते है। योग की इसी स्थिति को मनुष्य चेतना में जागृत करने के लिए साधक को अपने जीवन, शरीर, मन, बुद्धि व चेतना से पल-पल जो कुछ भी अभ्यास करना पड़ता है। उसी का नाम क्रियायोग है। उन्होंने बताया कि क्रियायोग सृष्टि के प्रारम्भ से ही इस ब्रम्हाण्ड में प्रकाशित है। समय -समय पर भारतीय ऋषियों ने इसे मानवता के लिए शास्त्रों के रूप में उपलब्ध कराया है। लेकिन पहली बार इस ज्ञान को महर्षि पतांजलि ने लगभग चार सौ ई। में इसे मानव को सूत्रवत प्रदान किया।

Posted By: Inextlive