मेरठ जेल की बढ़ाई गई सुरक्षा, अलर्ट
जेल से गैंग चलाने के आरोपों के चलते मेरठ जेल से भी ट्रांसफर किए गए थे कुख्यात
meerut@inext.co.inMEERUT : लखनऊ की देवरिया जेल में पूर्व सासंद अतीक अहमद द्वारा एक व्यापारी की पिटाई के खुलासे के बाद अतीक अहमद का बरेली सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही ये जगजाहिर हो गया कि जेलों में बंद कुख्यात बेरोक-टोक कैसे अपना नेक्सस चलाते हैं। जिसके चलते संवेदनशील मेरठ जेल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ। विधु दत्त पांडे का कहना है कि जेल में अलर्ट जारी किया गया है। मिलाई पर आने जाने वालो पर सख्त नजर रखी जा रही है। कुख्यातों के लिए मुफीद
बदमाशों के लिए सबसे मुफीद मानी जाने वाली मेरठ जेल से पिछले पांच सालों में कई कुख्यातों का ट्रांसफर पूर्वांचल और अन्य प्रदेशों जेलों में किया है। कारण सभी पर मेरठ जेल में रहते हुए गैंग चलाने के आरोप और मेरठ जेल से मांगी जाने वाली रंगदारी के आरोप थे। फिलहाल मेरठ जेल में एक लाख का इनामी बदमाश कुख्यात सुशील मूंछ का बेटा टोनी पिछले सात महीने से बंद है। उसके ऊपर भी जेल से गैंग चलाने का आरोप लगता है।
पूर्वाचल की जेलों में ट्रांसफरजरायम की दुनिया में तहलका मचाने वाले मेरठ व आसपास के जिलों के कई इनामी बदमाशों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया गया है। जिसमें योगेश भदौड़ा, सलमान, शारिक, उधम सिंह, संजय पकोड़ी समेत कई ऐसे बदमाश शामिल हैं, जिन्हें गैंगवार के चलते मेरठ जेल से दूसरी जेलों में ट्रांसफर किया गया।
मेरठ जेल से ट्रांसफर हुए कुख्यातसुनील राठी - फतेहगढ़ सेंट्रल जेलउधम सिंह - नैनी सेंट्रल जेलअनिल दुजाना - महाराजगंज जेलनीरज बवाना - दिल्ली की तिहाड़ जेलरणदीप भाटी - बस्ती जेलयोगेश भदौड़ा - सिद्धार्थ नगर जेलसारिक - फतेहगढ़ सेंट्रल जेलसलमान - डासना जेलबदन सिंह बद्दो - फतेहगढ़ सेंट्रल जेलसुशील मूंछ का बेटा टोनी - मेरठ जेलसंजय पकोड़ी - बिजनौर जेल जेल में लगी थी पंचायत एक बार उधम सिंह व योगेश भदौड़ा गैंग में आपस में समझौता करवाने के लिए जेल में पंचायत भी लगवाई गई थी। करीब 150 लोगों ने जेल में जाकर दोनों लोगों को समझाने का प्रयास तक किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था। जेल से बने थे विधायकनौ साल पहले बसपा सरकार ने पूर्वाचल के कुख्यात बदमाश व पूर्व विधायक विजय मिश्रा का पूर्वाचल जेल से मेरठ की जेल में ट्रांसफर कर दिया था। यहां पर वह दो साल जेल में बंद रहे। जेल के भीतर से ही उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए विधायक का पर्चा भरा। इतना ही नहीं एक दिन भी प्रचार न करने और जेल के भीतर रहते हुए वह विधायक बन गए थे।