मानसून में तेजी आने के बीच आगे चलकर महंगाई के बढ़ने का खतरा मंडराने लगा है। इस खतरे को भांपते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को जैसे का तैसा बना रखा है। ऐसे में अब लोगों को घर और कार दोनों को खरीदने के लिए लोन के सस्‍ते होने की उम्‍मींद को फ‍िलहाल छोड़ना होगा। उसके लिए अभी लोगों को और भी ज्‍यादा इंतजार करना होगा।


ऐसी है जानकारी जानकारी के अनुसार मंगलवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा को जारी करते हुए अल्पकालिक ऋण दरों को जैसे के तैसे बनाए रखने की घोषणा की है। इससे जुड़ी दरों पर गौर करें तो रेपो दर 7.25 फीसदी, रिवर्स रेपो दर 6.25 प्रतिशत, बैंक दर 8.25 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर 8.25 प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) चार प्रतिशत और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 21.5 प्रतिशत पर ज्यों का त्यों रखा गया था।  बताया रघुराम राजन ने


इसको लेकर रघुराम राजन ने कहा कि इस साल जून के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दूसरे महीने भी नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इस बार भी ये बढ़ी ही है। उन्होंने बताया कि खाद्य एवं ईंधन समूह को छोड़ दें तो अन्य सभी समूहों की खुदरा महंगाई में बढ़ातरी दर्ज की गई है। उनका कहना है कि मानसून पर गौर करें तो जून के महीने में बारिश भले ही कम हुई, लेकिन जुलाई में बारिश की रफ्तार ठीक रही।   जानकारों ने कर दिया था आगाह

याद दिला दें कि बाजार अध्ययन करने वाले संगठनों, बैंकर्स और यहां तक की अर्थशास्त्रियों ने भी ब्याज दरों में तत्काल कमी आने की संभावना से साफ इनकार किया था। इन सबका कहना था कि महंगाई के बढ़ने के खतरे को भांपते हुए क्रेंद्रीय बैंक एक काम कर सकता है। वो काम ये है कि बैंक अपनी ब्याज दरों को यथावत बनाए रख सकता है। इन सब की राय थी कि अभी ब्याज दरों को कम न किया जाए, वरना स्थिति बिगड़ सकती है।Hindi News from Business News Desk

Posted By: Ruchi D Sharma