कानपुर (ब्यूरो)। कोतवाली पुलिस ने 2000 के नोट खपाने वालों के बड़े नेक्सस का खुलासा किया है। नेटवर्क का सरगना अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है, लेकिन पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला है कि आरबीआई में सेटिंग से काम होता है। दिहाड़ी मजदूरों को 300 रुपये प्रतिदिन दिया जाता है। वो अपना आधार कार्ड व नोट लेकर लाइन में लग जाते हैैं। किसके पास नोट लेकर पहुंचना है, ये तय होता है। 2000 का नोट देने पर दिहाड़ी मजदूर 500 के चार नोट लेकर बाहर निकलता है। बाहर खड़ा रैकेटिया 300 रुपये दिहाड़ी मजदूर, 400 रुपये आरबीआई में बदलने वाले को, 400 रुपये खुद रख लेता है। इसके बाद बचे हुए 900 रुपये उस व्यक्ति का देता है, जो 2000 रुपये का नोट लेकर बदलवाने आया होता है। पुलिस के मुताबिक, आरबीआई से ये जानकारी मांगी गई है कि बीते दिनों इस नेटवर्क में शामिल लोगों ने कितने लोगों को ब्लैक मनी को व्हाइट किया है। जरूरत पडऩे पर रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी।

चैनल बनाकर काम कर रहा गैैंग
एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह ने बताया कि आरबीआई में रोजाना 2 हजार के नोट बदलवाने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे थे। इनपुट मिला कि बंद हो चुके 2 हजार के नोट को बदलवाने के लिए एक सिंडीकेट काम कर रहा है। कोतवाली पुलिस ने छापेमारी करके 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि एक बार में एक व्यक्ति आरबीआई से 2 हजार के 10 नोट बदल सकता है। पूछताछ में सामने आया कि ये सिंडीकेट सिर्फ कानपुर ही नहीं लखनऊ में भी एक्टिव है। पकड़े गए लोगों ने बताया कि कार से ठेकेदार रोजाना आता है। 150 से 200 लोगों को 20-20 हजार रुपए बांट देता है। उसके आदमी आरबीआई के बाहर मौजूद रहते हैं। आदमी जुटाने से लेकर कैश कलेक्शन करने तक अलग-अलग व्यक्ति काम संभाल रहे हैं।

जल्द ही अन्य आरोपियों को भेजा जाएगा जेल
अर्चना सिंह ने बताया कि उन्हें जांच में कई अहम साक्ष्य मिले हैं। साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। जल्द ही आरबीआई में 2 हजार के नोट बदलवाने वाले सिंडीकेट का खुलासा करेंगी। इसमें शामिल सभी आरोपियों को जल्द जेल भेजा जाएगा। अगर आपने एक बार नोट बदलवा लिया तो आप दोबारा नहीं जा सकते हैं। इतने सख्त नियम होने के बाद भी काले धन को सफेद करने वाले गिरोह ने इसका तोड़ निकाल लिया। सिंडीकेट ने कानपुर के मुस्लिम इलाकों को टारगेट किया। यहां पर अपने दलालों को सक्रिय कर दिया। रोजाना नए व्यक्तियों को लाने वाले को 100 रुपए प्रति व्यक्ति कमीशन दिया जाता है। इसके चलते गिरोह के पास रोजाना नए लोग पहुंच रहे हैं।

कानपुर से दिल्ली तक गिरोह के तार
एसीपी की मानें तो सिंडीकेट में शामिल रोहित, राकेश और सुधीर मोहरा हैं। इनको भी रोजाना लाखों का कैश कोई पहुंचा जाता है। अब तक की जांच में कानपुर, लखनऊ और दिल्ली आरबीआई में सिंडीकेट सक्रिय है। लेकिन कानपुर में पुलिस की सख्ती नहीं होने के चलते गिरोह सबसे ज्यादा तेजी से काम कर रहा है। दिल्ली और लखनऊ में इतनी फ्लो में नोट एक्सचेंज नहीं हो पा रहा। क्योंकि नोट बदलवाने के लिए उन्हें लोग नहीं मिल पा रहे हैं।