नेटवर्क के बिना किसी भी मोबाइल या स्‍मार्टफोन का कोई वजूद नहीं। इंटरनेट चलाना हो या फिर टेक्‍स्‍ट व कॉल करना। सब कुछ नेटवर्क पर निर्भर करता है। लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि नेटवर्क गायब होने के बाद भी फोन पर इमरजेंसी काल कैसे हो जाती है। आइए जानें क्‍या है वजह....

पहले समझें कैसे काम करता है नेटवर्क
मोबाइल फोन का पूरा मैकेनिज्म नेटवर्क या टॉवर पर डिपेंड करता है। आप अपने फोन पर जैसे ही कॉल बटन दबाते हैं। आपके फोन से एक सिग्नल निकलकर नजदीक स्थित टॉवर पर जाकर पहुंचता है। जहां पर एक रिसीवर और सेंडर लगा होता है, यह टॉवर आगे दूसरे टॉवर तक सिग्नल बढ़ा देता है। ऐसे करते हुए सिग्नल उस व्यक्ित तक पहुंच जाता है जिसको आपने कॉल किया होता है। ऐसे में अगर आपके फोन से नेटवर्क गायब हो जाता है तो सिग्नल आगे बढ़ता नहीं जिसके चलते फोन से सिर्फ इमरजेंसी कॉल के अलावा और कोई काल नहीं आ-जा सकती।

इमरजेंसी कॉल का क्या है रहस्य
अक्सर लोगों सोचते है कि मोबाइल के अंदर एक मशीनरी सिस्टम फिट है जो बिना नेटवर्क के ही इमरजेंसी कॉल सर्विस उपलब्ध करवाता है। लेकिन यह सच नहीं है। पहले बताया गया है कि मोबाइल से कॉल आने व जाने के लिए नेटवर्क की आवश्यकता होती है। ऐसे में इमरजेंसी कॉल भी नेटवर्क के जरिए ही हो सकती है। यानी कि फोन में नेटवर्क न होने के बावजूद यूजर जब कोई इमरजेंसी नंबर डॉयल करता है तो मोबाइल से सिग्नल निकलकर किसी न किसी कंपनी के टॉवर पर पहुंच जाता है। यहां जरूरी नहीं है कि आप जिस कंपनी के उपभोक्ता है उसी के टॉवर पर इमरजेंसी कॉल का सिग्नल पहुंचे। सभी टेलिकॉम कंपनियों आपताकाल में एक-दूसरे के टॉवर से इमरजेंसी कॉल को रिसीवर तक पहुंचा देती है।

यहां तो सिम की भी जरूरत नहीं

कुछ पश्चिमी देशों जैसे यूएस व इंग्लैंड में बिना सिम के ही इमरजेंसी कॉल सर्विस उपलब्ध है। दरअसल इन देशों में सिग्नल भेजने व रिसीव करने के लिए मोबाइल में लगे एंटीना की मदद ली जाती है। ऐसे में यहां पर सिम कॉर्ड सिर्फ एक फोन बुक की तरह काम करता है। फिलहाल यह सर्विस भारत में उपलब्ध नहीं है।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari