-बैंकों में पुराने नोट जमा करने को लेकर रही आपाधापी

- एटीएम में कैश के लिए दिनभर लाइन में लगे रहते हैं लोग

-कैश न होने से एटीएम रहे कैशलेस

Meerut। नोटबंदी के बाद एक ओर शहर में डिजिटल मार्केटिंग की ओर व्यापारी बढ़ रहे हैं तो दूसरी ओर बैंकों और एटीएम में लोगों की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हालत यह है कि नोटबंदी के तकरीबन डेढ़ माह बीतने के बाद भी लोगों को कैश के लिए परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। अधिक समस्या एटीएम में कैश की कमी के कारण खड़ी हो गई है। उधर, बैंकों में पुराने नोट जमा कराने को लेकर भी आपाधापी का माहौल है। कई जगहों पर नोट जमा न करने पर हंगामे जैसे हालात बने रहे।

लाइन में लगे रहे लोग

लोग नोटों की आस में बैंकों के सामने घंटों तक लाइन में लगे रहते है। लेकिन उन्हें पर्याप्त मात्रा में कैश नहीं मिल पाता। जिले के कई अग्रणी बैंकों ने केवल दो-दो हजार रुपये दिए। कई अन्य बैंकों ने भी ग्राहकों को महज दो-दो हजार रुपये दिए। लोगों का कहना है कि वह अपनी पांच-पांच सौ रुपये की मजदूरी एवं अन्य काम छोड़ कर बैंकों की लाइन में लगते है और मात्र दो हजार रुपये ही मिल पा रहे है।

रुपयों के बिना जरूरत अधूरी

बैंकों से कम धनराशि मिलने के कारण वह अपनी आवश्यक आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पा रहे है। कतार में खड़े लोगों का कहना है कि बैंक कर्मचारी अपने परिचितों एवं रिश्तेदारों को तो चुपचाप 20 हजार तक भुगतान कर रहे है, लेकिन आम लोगों को घंटों तक लाइन में लगने के बाद भी मात्र दो हजार रुपये मिल रहे है।

एटीएम भी दे रहे जवाब

बैंक ग्राहकों की परेशानी यही खत्म नहीं होती। एटीएम भी लोगो को मुंह चिढ़ा रहे है। बुधवार को सुबह से ही लोग नोट निकालने के लिए एटीएम के सामने लाइन लगाकर खड़े हो गए, लेकिन जहां कई एटीएम में दोपहर होते-होते कैश खत्म हो गया वहीं अधिकांश एटीएम पर नो कैश का बोर्ड लगा दिखाई पड़ा। एटीएम बंद रहने से लोगों की परेशानी और बढ़ रही है।

डाकघर से आज भुगतान नहीं

जिले के डाकघरों से गुरुवार को कोई भुगतान नहीं हो पाएगा। डाकघरों में सेविंग एकाउंट्स, से लेकर जमा योजनाओं व अन्य कार्यो में रोजाना जमा होने वाली राशि को एसबीआई की कैंट शाखा में जमा कराया जाता है। इसके बाद वहीं से अगले दिन के भुगतान के लिए पैसा जारी किया जाता है। मेरठ जनपद के लगभग 72 डाकघरों की रोजाना लगभग 5 करोड़ की मांग रहती है लेकिन नोटबंदी के बाद से रोजाना मात्र 30 से 40 लाख रुपया ही डाकघरों को बैंक से मिल पा रहा है।

बैंक से नहीं हुआ भुगतान

सीनियर पोस्टमास्टर डीके शुक्ला ने बताया कि बुधवार को बैंक से कोई पैसा नहीं मिला है लिहाजा गुरुवार को किसी भी डाकघर से कोई भुगतान नहीं हो सकेगा। दरअसल, बैंक से मिलने वाले इस रकम से जैसे तैसे डाकघरों में आने वाली भीड़ को शांत किया जा रहा है। लेकिन बुधवार को बैंक से डाक विभाग को कोई भुगतान ही नहीं किया गया।

बुधवार को कहीं हंगामे की सूचना नहीं मिली। आरबीआई के अनुसार बैकों में पैसा भी जमा किया गया। धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं।

-अविनाश तांती, एलडीएम सिंडीकेट बैंक

Posted By: Inextlive