-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों ने जताई नाराजगी

-पब्लिक से कहा, खुद को मानवाधिकार आयोग का प्रतिनिधि बताने वालों की शिकायत पुलिस से करें

ALLAHABAD: मानवाधिकार आयोग का प्रतिनिधि और उससे एफीलिएटेड बताकर दुकान चलाने वालों के खिलाफ खुद आयोग ने पब्लिक से मोर्चा खोलने का आह्वान किया है। दो दिनो तक इलाहाबाद में चली आयोग की कोर्ट के बाद तीसरे दिन मीडिया से रूबरू होते हुए आयोग के सदस्यों ने पब्लिक से कहा कि वह आयोग का प्रतिनिधि बताने वाले की शिकायत सीधे पुलिस से करें। क्योंकि, आयोग ने पूरे देश में किसी को भी अपना प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया है। ऐसा करने वाले फर्जीवाड़ा कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

शहर में धड़ल्ले से चल रही हैं दुकानें

यह कोई नई बात नहीं है। शहर में जगह-जगह मानवाधिकार आयोग के नाम पर दलाली का धंधा जोर-शोर से पनप रहा है। गली-मोहल्लों और गाडि़यों पर आयोग के नाम का बोर्ड या नेम प्लेट लगाकर लोग अपना उल्लू सीधा करने से नहीं चूकते। थानों और सरकारी ऑफिसेज में इनकी तूती बोलती है। कोई भी अधिकारी मानवाधिकार आयोग के डंडे के डर से दलालों के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करता है। फिलहाल यह प्रूफ हो गया कि ऐसे लोग पूरी तरह फर्जी हैं। गुरुवार को आयोग के सदस्य एससी सिन्हा ने बताया कि हमारी ओर से देश भर में किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत प्रतिनिधि नहीं बनाया गया है। जो लेाग खुद को आयेाग का प्रतिनिधि बताते हैं वह आम जनता को बहका और बरगला रहे हैं। इनके खिलाफ एसएसपी से लिखित शिकायत की जानी चाहिए। ताकि, कड़ी कार्रवाई की जा सके।

प्रतापगढ़ के मामले की होगी सीबीसीआईडी जांच

इलाहाबाद आई मानवाधिकार आयोग की टीम ने ख्7 और ख्8 जनवरी को कुल नौ जिलों के भ्ख् मामलों की सुनवाई की। इनमें से प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा एक व्यक्ति को असंवैधानिक रूप से गलत प्रकरण में फंसाए जाने के मामले की सीबीसीआईडी जांच के निर्देश दिए। प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा ही अधिकारियों से रिश्वत मांगने व याचिकाकर्ता को परेशान करने के मामले में राज्य सरकार की विजिलेंस शाखा से जांच के निर्देश दिए गए हैं।

ये रहे अन्य फैसले

अंबेडकर नगर- क्97भ् में आई बाढ़ से प्रभावित चार मामलों आवास बनाने के लिए भूमि आवंटन की संस्तुति डीएम से की गई। बाढ़ विस्थापितों के ख्ख् परिवारों को भी भूमि आवंटन की संस्तुति की गई है।

फैजाबाद- ईट भट्ठा में नियोजित म्ख् बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराने हेतु डीएम को निर्देश दिए गए हैं।

चित्रकूट-पुलिस द्वारा प्रताडि़त को एक लाख रुपए मुआवजा दिए जाने की संस्तुति की गई है।

बांदा-बिजली के झटके से हाथ कट जाने के मामले में पीडि़त को एक लाख पांच हजार रुपए अतिरिक्त मुआवजा दिए जाने की संस्तुति की गई है।

एक नजर आयोग की सुनवाई पर

सुने गए मामले- भ्ख्

इलाहाबाद-क्भ्

प्रतापगढ़-ख्

चित्रकूट-फ्

फतेहपुर- भ्

कौशांबी- क्

बांदा- क्ख्

फैजाबाद- भ्

अंबेडकरनगर- ब्

सुल्तानपुर- भ्

किस तरह के रहे मामले

शक्ति के दुरुपयोग से संबंधित- 8

बलात्कार व हत्या से संबंधित- ख्

चिकित्सा सुविधाओं से संबंधित- फ्

कैदियों के उत्पीड़न से संबंधित-फ्

दहेज के लिए हत्या या हत्या का प्रयास- ब्

एससी-एसटी एक्ट से संबंधित- 9

कानूनन नहीं निपटाने से संबंधित- 9

कानूनी सहायता नहीं दिए से संबंधित- ख्

महिलाओं की बेइज्जती करने से संबंधित- ख्

गैर कानूनी तरीके से निर्बधित करने- ब्

झूठे प्रकरण में फंसाने से संबंधित- क्

हिरासत में मृत्यु से संबंधित- क्

बलात्कार पीडि़ता को मुआवजा दिलाने से जुड़ा- क्

कैदियों को नहीं मिल रहा है मेहनताना

आयोग के सदस्य ने बताया कि बुधवार को नैनी सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया गया। इसमें पता चला कि फंड की कमी के चलते कैदियों को उनका मेहनताना नहीं मिल पा रहा है। ओवर क्राउंडिंग से कैदी परेशान हैं और जेल से ट्रांसफर किए जाने पर उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जेल में तैनात चार में से कुल तीन ही डॉक्टर मौके पर मिले। तीन दर्जन कैदी एचआईवी से पीडि़त मिले। उन्होंने कहा कि अगर कस्टडी के दौरान किसी कैदी की मौत होती है तो इसकी सूचना ख्ब् घंटे के भीतर आयोग को देने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे मामलों का गहन परीक्षण किया जाता है।

सरकारी योजनाओं में भी घालमेल

आयोग ने हमीरपुर, चित्रकूट और बांदा में टीमें भेजी थी। इस दौरान समाज कल्याण के तहत चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन में कई खामियां पाई गई। लाभार्थियों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्कूल, हॉस्पिटल्स सहित योजनाओं के लाभ वितरण में भी घालमेल पाया गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को कार्रवाई के लिए सौंपी जा रही है। गुरुवार को सर्किट हाउस में एनजीओ और प्रशासनिक अधिकारियों संग भी आयोग ने बैठक कर जानकारी ली। बता दें कि मानवाधिकार आयेाग की ओर आयोजित तीन दिवसीय कैंप में सदस्य एससी सिन्हा की अध्यक्षता में आयोग के प्रेजेंटिंग अधिकारी चंद्र कांत त्यागी, संयुक्त रजिस्ट्रार विधि एके पराशर, सहायक रजिस्ट्रार विधि सीएस मावड़ी शामिल हुए।

Posted By: Inextlive