खड़े-खड़े बर्बाद हो रही हाइड्रोलिक सीढ़ी
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मीटर तक जाने वाली एक हाइड्रोलिक सीढ़ी है विभाग के पास 2017 से खराब पड़ी है लाखों खर्च करके मंगवाई गयी सीढ़ी 14 मंजिल तक इस सीढ़ी के सहारे पहुंच सकते थे फायरकर्मी 05 वाटर टैंकर है विभाग के पास 01 छोटी हाई प्रेशर मशीन है बहुमंजिला इमारत में टॉप फ्लोर पर लगी आग तो बुझा पाना होगा मुश्किल PRAYAGRAJ: मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर सूरत जैसी आग लगने की कोई घटना हो जाय तो आग पर काबू पाना भगवान भरोसे ही संभव होगा. कारण फायर ब्रिगेड विभाग के पास एक भी हाइड्रोलिक सीढ़ी न होना है. 2010 में कम्प्यूटर चालित हाइड्रोलिक सीढ़ी युक्त टैंकर खरीदने का पैसा तो सरकार ने दे दिया लेकिन मेंटेनेंस की व्यवस्था न होने से यह दो साल से बेकार पड़ा हुआ है. नार्मल सीढ़ी से चला रहे कामगनीमत यह है कि शहर में दस मंजिल से ऊंची कोई बिल्डिंग नहीं है. हाइड्रोलिक सीढ़ी खराब होने से विभाग को 35 फिट ऊंची नार्मल सीढ़ी से ही काम चलाना पड़ता है. आग की छोटी घटनाओं को फायरकर्मी हाई प्रेशर मशीन से कवर कर लेते हैं. लेकिन एक साथ दो जगह आग लगने पर समस्या खड़ी हो जाती है.
इसलिए खराब हुई सीढ़ी हाइड्रोलिक सीढ़ीयुक्त टैंकर पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड हैइसे आपरेट करने के लिए किसी कर्मचारी को ट्रेनिंग नहीं दी गई
अनट्रेंड चालकों द्वारा कम्प्यूटर में गलत कमांड देने से मशीन खराब हो गई अधिकारी भी बेपरवाह विभागीय अधिकारियों ने कई बार शीर्ष अफसरों को खराब पड़े हाइड्रोलिक टैंकर को बनवाने के लिए पत्र लिखा. सूत्र बताते हैं पत्र पर पत्र भेजे ने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया. नतीजा खड़े खड़े यह बर्बाद हो रही है. इसके पार्ट भी अब खराब होने लगे हैं. हाइड्रोलिक सीढ़ी युक्त टैंकर को बनवाने के लिए शीर्ष अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. अब इस मशीन को वह कब बनवाएंगे यह बात वही बता सकते हैं. हमारे हाथ में लिखा पढ़ी करना है जो हम बराबर कर रहे हैं. आरएस मिश्र, चीफ फॉयर ऑफिसर